मधुबनी से आशीष झा / लदनियां से हरिश्चन्द्र यादव
लदनियां प्रखंड की महिलाओं ने गुरुवार को करवाचौथ पर अलसुबह निर्जला व्रत रखा। विभिन्न जलाशयों में सुबह से ही सुहगिनों की भीड़ लगनी शुरू हो गई थी। पति के दीर्घायुष्य की कामना से किये जानेवाले इस आस्था के पर्व को महिलाओं ने बड़े ही मनोयोग से किया। महिलाओं ने इस अवसर पर सोरहो शृंगार से सुसज्जित होकर चन्द्रदर्शन के बाद चौथमाता को अर्घ्य दने के पश्चात ही अन्न व जल ग्रहण करने का संकल्प किया। दिनभर गृहदेवता समेत विभिन्न देवी देवताओं की पूजा अर्चना होती रही।
विदित हो कि भारतीय नारियां पति के लंबे जीवन की छांव तले सफल जीवनयात्रा पूर्ण करने की कामना रखती है और नारियों के इसी पतिपरायणता के कारण हिन्दूधर्म अन्य धर्मों से सर्वथा भिन्न, धार्मिक तथा वैज्ञानिक है।
एक व्रती प्रतिभा कुमारी के अनुसार आज का दिन सुहागिनों के लिये खाश दिन होता है। इस महीने के करवाचौथ पर व्रत रखने वाली नारियों के पति की अकालमृत्यु नहीं होती है।
पौराणिक कथानुसार एक साहुकार के बेटी ने करवाचौथ कर अकालमृत्यु को प्राप्त अपने पति के प्राण की रक्षा कर पाने में सफलता पाई थी। अखंड सौभाग्यवती बने रहने की कामना से विवाहिताओं ने गुरुवार की अलसुबह निर्जला व्रत का संकल्प लिया, जिसका परायण संध्याकाल चन्द्रदर्शन व चौथमाता को अर्घ्य देने के बाद किया।
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