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जिले में 15 से 30 जुलाई के बीच संचालित होगा सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा



  • आशा घर-घर करेगी ओआरएस का वितरण, लोगों को देगी इस्तेमाल की जानकारी
  • पांच साल से कम उम्र के 5.50 लाख बच्चों के बीच होगा ओआरएस व जिंक का वितरण 

अररिया, 7 जुलाई । SON OF SIMANCHAL, GYAN MISHRA 

दस्त शिशु मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। इसे नियंत्रित करने व दस्त नियंत्रण के उपायों के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से जिले में 15 से 30 जुलाई के बीच सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन किया जायेगा। इसे लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार द्वारा सभी सिविल सर्जन को जरूरी दिशा निर्देश दिये गये हैं। इसमें कोरोना महामारी को देखते हुए तमाम सुरक्षात्मक उपाय अपनाते हुए 05 साल से कम उम्र के बच्चों के बीच ओआरएस व जिंक की दवा वितरित किये जाने का आदेश दिया गया है। अभियान के तहत जिले में पांच साल से कम उम्र के 5.50 लाख बच्चों के दवा वितरण का लक्ष्य निर्धारित है।  

बाल्यावस्था में होने वाली मौत की बड़ी वजह है दस्त :

जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने कहा कि मौसम में बदलाव के कारण दस्त के मरीज बढ़े हैं। दस्त आमतौर पर छोटे उम्र के बच्चों के लिये जानलेवा साबित हो सकता है। बाल्यावस्था ये 05 वर्ष तक के 10 फीसदी बच्चों की मौत के लिये दस्त जिम्मेदार होता है। ओआरएस का घोल व जिंक की गोली दस्त का एक मात्र उपचार है। 



उन्होंने कहा बाल्यावस्था में दस्त के दौरान ओआरएस व जिंक के उपयोग के प्रति लोगों को जागरूक करना, समुदाय स्तर पर ओआरएस व जिंक की उपलब्धता व इसके उपयोग का बढ़ावा देना अभियान का मुख्य उद्देश्य है। अभियान के दौरान झुग्गी झोपड़ी, गंदगी वाले स्थान, बाढ़ प्रभावित इलाके व ऐसे स्थान जहां पूर्व में डायरिया आउटब्रेक हो चुका है। उन पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। 

आशा के माध्यम से होगा ओआरएस व जिंक दवाओं का वितरण :

डीआईओ सह अभियान के नोडल पदाधिकारी डॉ मोईज ने बताया कि अभियान की सफलता के लिये 05 साल से कम उम्र के बच्चे वाले परिवार को चिह्नित किया गया है। ऐसे सभी परिवारों में पांच साल से कम उम्र के प्रति बच्चे के हिसाब से ओआरएस व जिंक की दवा आशा कार्यकताओं के द्वारा वितरित किया जायेगा। आशा कार्यकर्ता परिवार के सदस्यों को इसके इस्तेमाल व होने वाले लाभ के प्रति जागरूक करेंगी। उन्होंने कहा कि दस्त व इसके बाद बच्चों को उम्र के हिसाब से स्तनपान व ऊपरी आहार जारी रखा जाना चाहिये। स्वच्छ पेयजल का उपयोग दस्त से बचाव के लिये जरूरी है। इसके साथ ही खाना बनाने व बच्चे के संपर्क में आने से पूर्व हाथों की सफाई व स्वच्छता संबंधी अन्य उपायों पर सख्ती बरतनी चाहिये। खुले में शौच से परहेज करना चाहिये। 

जिले के 5.50 लाख बच्चों के बीच होगा दवा का वितरण : 

डीपीएम स्वास्थ्य रेहान अशरफ ने बताया कि दस्त नियंत्रण पखवाड़ा के दौरान जिले के 6.77 लाख घरों के पांच साल से कम उम्र वाले 5.50 लाख बच्चों के बीच जिंक व ओआरएस दवा के वितरण का लक्ष्य निर्धारित है। अभियान के क्रम में 6.04 लाख ओआरएस का पैकेट व 2.30 लाख जिंक की गोली का वितरित करने का लक्ष्य है।