पालीगंज संवाददाता - नितीश कुमार
पालीगंज/ थाना क्षेत्र के महाबलीपुर गांव में साधु के वेश में 9 बसहा बैलों के साथ रह रहे बहरूपिया सोमव्सर की एमत अपने बैलों व सामानों को छोड़कर फरार हो गया।
जानकारी के पालीगंज प्रखण्ड सह अनुमण्डल मुख्यालय थाना के महाबलीपुर गांव में विगत एक हप्ते से कुछ बरहरुपिया साधु के वेश मे लाल गौरिया रंग के वस्त्र धारण कर व बड़े बड़े बाल- दाढ़ी रखे हुए 9 बसहा बैलो के साथ रह रहा था। उन लोगो ने गाँव -गाँव घूमकर प्रतिदिन भिक्षा माँग रहा था। वही शाम होने के बाद महाबलीपुर गाँव स्थित गोवर्धन भगवान के मंदिर के पास रात में ठहरता था। उन सभी साधुओ ने अचानक दो दिनों से सभी 9 बसहा बैलों साढो को छोड़कर फरार हो गया।
दूसरी तरफ जब ग्रामीणों ने लावारिस रूप सभी बैलों को दो दिनों से बंधा हुआ मंदिर के पास देखा तो साधुओं की खोजबीन शुरू किया लेकिन उन साधुओ का कहीं कोई पता नहीं चला। जब ग्रामीणों ने साधुओं द्वारा छोड़कर भागे गए सामानों की जांच पड़ताल किया तो उसके कपड़े से एक व्यक्ति का आधार कार्ड मिला। वह आधार कार्ड उतर प्रदेश के बहराइच, भौंडी, लख्खा, गोपालपुर, भकुला, खजुहा निवासी छनन के पुत्र फिराजउद्दीन का था।
जिससे साफ पता चलता है की ये सभी साधु के वेश में मुस्लिम युवक और कुछ उम्र दराज व्यक्ति आए हुए थे। जो बरहरुपिया के वेश बना कर घूम रहे थे। वे सभी पकड़े जाने की डर से सभी बसहा बैलों को छोड़कर रातों रात भाग गए। पुलिस इस मामले की जाँच में जुटि है । वही ग्रामीणों ने सरकार व जिला प्रशासन से अपील करते हुए कहा है की सभी 9 साढो को जानवर रक्षक शाला में भेजने की तत्काल व्यवस्था करे। वही ग्रामीणों का कहना है कि यह काफी गंभीर मामला है, क्योंकि साधु के वेश बरहरुपिया बनकर गाँव गाँव घूम रहे ये सभी लोग आखिर कौन थे और कहा से आए थे? उनका क्या मकसद था, आखिर वे बरहरुपिया नही थे तो बैलों और समान छोड़कर रातों रात भागे क्यों? अब सवाल यह उठता है साधु को क्यों भागना पड़ा? इनकी गहन जाँच होनी चाहिए?
ज्ञात हो की दो दिन पहले बिहार में कुछ इसी प्रकार बैलों के साथ साधु के वेश बरहरुपिया पकड़े गए थे कहीं ये लोग भी पकड़े जाने की डर से रातों रात फरार तो नहीं हो गए हो। यह गहन जाँच का विषय है। पुलिस इसपर कड़ी संज्ञान लेते हुए इस मामले की जाँच करे।