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मुजाहिद आलम ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड पटना के पूर्व अध्यक्ष के तीन वर्षों की कार्यकाल का विजीलेंस से जांच कराकर उचित कार्रवाई की मांग की।

मुजाहिद आलम पूर्व विधायक, जेडीयू
सन आफ सीमांचल ज्ञान मिश्रा

किशनगंज: बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड पटना के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल कैयुम अंसारी के द्वारा मनमाने ढंग से नियम के विरुद्ध किये गये कार्य की विजिलेन्स जाँच कराये जाने के सम्बंध में एवं किसी योग्य व्यक्ति को मदरसा बोर्ड का अध्यक्ष नामित करने के सम्बंध में मदरसा शिक्षा बोर्ड पटना के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल कैयुम अंसारी द्वारा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल कैयुम अंसारी दिनांक 30.01.2019 को अध्यक्ष के रूप में नियुक्त हुऐ तथा शिक्षा विभाग बिहार सरकार द्वारा निर्गत ज्ञापांक संख्या 241 दिनांक 08.03.2019 को निर्गत अधिसूचना के द्वारा मदरसा शिक्षा बोर्ड हेतू 13 सदस्यी संपूर्ण बोर्ड का गठन किया गया।बोर्ड संबंधित इस अधिसूचना में शिक्षा विभाग द्वारा आज तक किसी प्रकार का संशोधन नहीं किया गया।पूर्व अध्यक्ष अब्दुल कैयुम अंसारी ने अपने योगदान तिथि से पूरे तीन साल का कार्यकाल बोर्ड की केवल दो बैठक क्रमश 14.10.2019 एवं 13.10.2019 को आयोजित किया अर्थात तीन साल के कार्यकाल में उपरोक्त अंकित केवल दो बोर्ड की बैठक वो भी उच्च न्यायालय के आदेश पर संचालित कराया गया।पूर्व अध्यक्ष अब्दुल कैयुम अंसारी ने बोर्ड के नियम परिनियम को अंदेखी करते हुए बोर्ड में अपने पुत्र एवं भतिजा सहित 46 व्यक्तिों का अवैध रूप से नियुक्ति किया जाना।अवैध नियुक्ति व्यक्तिों का वेतन अपने मर्जी से निर्धारित किया जाना।बिहार मदरसा शिक्षा बोर्ड के विकास कार्य के नाम पर बोर्ड की जमा राशि निकासी तथा खर्च करना मदरसों को अपनी मर्जी से संबंधता देना तथा संबंधता वापस ले लेना।मदरसों को अपनी मर्जी से उत्क्रमित करना।अपनी मर्जी से अनुमोदन देना।मदरसा बोर्ड के बहुमुल्य सामग्री को अपनी मर्जी से निलाम करना तथा बोर्ड हेतु बहुमुल्य सामग्री की खरीदारी अपनी मर्जी से किया गया।उपरोक्त कार्यों को विधिवत रूप से बोर्ड ने अनुमोदन नहीं दिया है वर्णित अवैद्य कार्यों के संबंध में लिखित कई शिकायत आवेदन पूर्व में भी दिया जा चुका है।द्वारा उच्च स्तरीय गठित जाँच समिति के द्वारा भी उपरोक्त वर्णित अवैध कार्यों को सत्य पाया गया है। परन्तु अभी तक उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है । मनमाने ढंग से पूर्व अध्यक्ष ने नियम के विरूद्ध बिना मदरसा बोर्ड की अनुमति के करोड़ों रुपये का गबन किया है।पूर्व अध्यक्ष अब्दुल कैयुम अंसारी द्वारा लगातार किए जा रहे मनमाने कार्यों को उच्च न्यायालय पटना ने गंभीरता से लेते हुए उच्च न्यायालय पटना सीडब्लूजेसी ना ० 18427/19 में पारित आदेश दिनांक 05.09.2019 के द्वारा अध्यक्ष अब्दुल कैयुम अंसारी को अध्यक्ष के रूप में कार्य करने से रोक लगा रखा है.इस आदेश को किसी भी उपरी न्यायालय ने स्थगित/रद्द नहीं किया है।यह आदेश आज तक प्रभावी है।इस प्रकार पूर्व अध्यक्ष द्वारा किया गया सभी कार्य अवैध है।पूर्व अध्यक्ष अब्दुल कैयुम अंसारी द्वारा मदरसा बोर्ड के नियम / अधिनियम तथा उच्च न्यायालय पटना द्वारा पारित उपरोक्त आदेश दिनांक 05.09.2019 का उल्लंघन अनदेखी एवं लगातार मनमानी किए जाने का एक और उदाहरण एवं साक्ष्य यह है कि अध्यक्ष द्वारा किए गए उपरोक्त वर्णित अवैध कार्य को सही घोषित कराने हेतु बोर्ड की बैठक दिनांक 06.09.2021 को आयोजित करने हेतु एजेण्डा सहित नोटिस पत्रांक सं ० 88/21 दिनांक 19.08.2021 निर्गत किया था।ज्ञातव्य होकि इस नोटिस में केवल 05 सदस्यों को ही सूचित किया गया था तथा शिक्षा विभाग बिहार सरकार द्वारा निर्गत अधिसूचना दिनांक 08.03.2019 के द्वारा गठित 13 सदस्यों की बोर्ड सूची के 8 नामित सदस्यों को नहीं सूचित किया गया था।एजेण्डा सहित नोटिस दिनांक 19.08.2021 की छाया प्रति तथा शिक्षा विभाग द्वारा बोर्ड सदस्यों संबंधी निर्गत अधिसूचना दिनांक 08.03 . 2019 की छाया प्रति साक्ष्य के रूप में संलग्न है।मदरसा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल कैयुम अंसारी द्वारा लगातार किए गए मानमानी एवं अवैध कार्य को देखते हुए पूर्व अध्यक्ष अब्दुल कैयुम अंसारी के विरूद्ध अविलंब कार्यवाही एवं विजिलेन्स से जाँच करवाने की कृपा की जाए।साथ ही किसी योग्य व्यक्ति को मदरया बोर्ड का अध्यक्ष बनाने की कृपा की जाय।