- बाल हृदय योजना के तहत बच्ची की हुई नि:शुल्क सर्जरी, सकुशल घर वापसी से उत्साहित हैं परिजन
- हृदय रोग से ग्रसित बच्चों के लिये वरदान साबित हो रही है मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना
अररिया, 17 फरवरी ।
Son of Simanchal,Gyan Mishra
हृदय में जन्मजात छेद की समस्या से जूझ रहे बच्चों का इलाज अब बेहद आसान हो चुका है। ऐसे बच्चों के इलाज के लिये संचालित मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना वरदान साबित हो रही है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत इन बच्चों के नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है। इसकी वजह से आज कई बच्चों को जीवनदान मिला है। महज 18 माह की हब्सा परवीन का नाम भी इसमें शामिल है। नरपतगंज प्रखंड के घैरा गड़िया निवासी मो जमशेद को बीते साल अपनी नन्हीं बेटी के हृदय में छेद होने की जानकारी मिली। इलाज में आने वाले खर्च को वहन करना इस मध्यमवर्गीय परिवार के लिये कठिन था। लिहाजा पूरा परिवार घोर निराशा के दौर का सामना कर रहा था। इसी क्रम में बच्ची के इलाज के लिये सदर असपताल पहुंचने पर स्वास्थ्य कर्मियों ने उन्हें राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की जानकारी दी। योजना के तहत बच्ची का इलाज शुरू हुआ। अहमदाबाद के साई हॉस्पिटल में बच्ची की सफल सर्जरी हुई। दो दिन पूर्व ही बच्ची सकुशल अपने घर लौट चुकी है।
सफल सर्जरी के बाद बिल्कूल स्वस्थ है बच्ची :
बच्ची के पिता मो जमशेद ने बताया कि उन्होंने तो अपनी बेटी के जीवित होने की उम्मीद ही छोड़ दी थी। जब उन्हें मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना की जानकारी मिली तो बच्ची के स्वस्थ्य होने का भरोसा हुआ। आज यह भरोसा यकीन में तब्दील हो चुका है। बच्ची की मां माबिया खातून ने बताया कि हब्सा को शुरू में सर्दी-खांसी की समस्या अधिक रहती थी। बच्चों में इस समस्या को बेहद आम माना जाता है। लेकिन जब बच्ची इस वजह से परेशान रहने लगी तो फिर फारबिसगंज में निजी चिकित्सक के पास उसका इलाज कराया गया। जहां उसके दिल में छेद होने की बात पता चली। उन्होंने कहा कि बच्ची के इलाज में आरबीएसके की टीम से उन्हें काफी मदद मिली। जिला समन्वयक डॉ मो तारीक जमाल की मदद से बीते 15 से 17 दिसंबर को इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान आयोजित स्वास्थ्य जांच शिविर में बच्ची को जांच के लिये भेजा गया।
आरबीएसके के तहत 38 तरह के रोगों का होता है नि:शुल्क इलाज :
आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ मो तारिक ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 0 से 18 साल के बच्चों में होने वाले कुल 38 तरह के रोगों के नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है। इसमें चर्मरोग, आंख, दांत, टीबी, एनीमिया, ह्दय व श्वस्न संबंधी रोग, जन्मजात विकलांगता, कटे होंठ व तालु, सहित अन्य रोग इसमें शामिल हैं। योजना के तहत बच्चों के इलाज पर आने वाला पूरा खर्च सरकार वहन करती है। इतना ही नहीं इलाज के लिये आने जाने का खर्च भी सरकार द्वारा वहन किया जाता है।