गया/बिहार। गया शहर में ठंड का कहर लगातार जारी है. भीषण सर्दी की वजह से शहर से लेकर गांवों तक की सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. ठंड की वजह से लोग अपने घरों से भी नहीं निकल रहे हैं.बिहार में सब से ज्यादा ठंड गया में 5°c हो गया,गया वासी जगह जगह आग का अलावा जला कर किसी तरह जिंदगी गुजार रहे हैं,जबकि गया नगर निगम सिर्फ बड़े बड़े खोखले दावा कर प्रशासन को गुमराह कर रही हे।बच्चे अंडा का ट्रे जला कर ठंड की कमी दूर करने की कोशिश कर रहे हैं।जनता ने बिहार सरकार और गया प्रशासन और नगर निगम से ठंड से राहत करने और गरीबों में कंबल वितरण कर राहत पहुंचाने की मांग की है। गरीब निर्वस्त्र झोपड़ी में रहने वालों को घर से निकलना मुश्किल हो गया है।
मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल राहत मिलने की संभावना नहीं
प्रदेश के ज्यादातर जिलों में कड़ाके की ठंड है. पछुआ हवा से सर्दी बढ़ गई है. गया जिले में भी लोग किसी तरह अलाव जलाकर या घर में रहकर खुद को महफूज कर रहे हैं. भीषण सर्दी की वजह से जिंदगी की रफ्तार थम गई है. शहर से लेकर गांवों तक सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. वहीं, मौसम विभाग ने फिलहाल ठंड से राहत नहीं मिलने की जानकारी दी है और कई जिलों में बारिश का अलर्ट भी जारी किया है.
गया जिले में भीषण ठंड की वजह से शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. यहां तक कि, लोगों के दरवाजे पर भी सन्नाटा है लोग ज्यादा ठंड की वजह से घरों में ही दुबके हैं. कुछ लोग जो अपने दिनचर्या के लिए जाते हैं, वही निकल रहे हैं. लेकिन ज्यादा लोग ऐसे हैं जो इस कड़ाके की ठंड में घरों से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पाते. मुख्य सड़क पर थोड़ी बहुत वाहनों की आवाजाही है. लेकिन ग्रामीण और शहरी इलाकों के कई सड़कों पर वीरानी छाई हुई है.
गया में भीषण सर्दी से घरों में कैद हुए लोग
दरअसल, सड़कों के सुनसान होने का बड़ा कारण हाड़ कंपाने वाली ठंड है. कई क्षेत्रों में लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं. वहीं, मौसम विभाग की मानें तो आने वाले कुछ दिनों तक इस कड़ाके की ठंड से लोगों को राहत नहीं मिलने जा रही है. साथ ही साथ कई जिलों में बारिश का भी मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया गया है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, आने वाले कुछ दिनों में अगर बारिश हो गई तो लोगों को इससे भी ज्यादा ठंड झेलने की तैयारी करनी होगी. ऐसे में गया प्रशासन से अनुरूध ही की ठंड से सिकुड़ती जिंदगी को राहत देने के लिए उचित कारवाई करने की कष्ट करे।
फिलहाल अब तक कहीं ना कहीं गया प्रशासन और नगर निगम का राहत पहुंचाने का वादा खोखला साबित होता दिखाई पड़ा है।