न्यूज़ डेस्क। बीजेपी-जेडीयू का आपस में इन दिनों तालमेल नहीं बैठ पा रहा है, दोनों पार्टी के नेता लगातार एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते दिख रहे हैं। इस कारण बिहार की राजनीति एक बार फिर गरम हो रही है।
बीजेपी के संजय जायसवाल ने हाल ही में शराब प्रतिबंध की विफलता को लेकर जदयू पर निशाना साधा था इसका जवाब जदयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने दिया था इसके इलावा बीजेपी के मंत्री जीवेश कुमार मिश्रा ने उपेंद्र कुशवाहा पर बोलते हुए कहा कि उपेंद्र कुशवाहा बीजेपी पर बोलते हैं पर आरजेडी पर कुछ नहीं बोलते साथ ही यह भी कहा कि कुशवाहा जब से जदयू में लौटे हैं तब से वह बीजेपी के नेताओं पर हमला करते रहते है।
सोहसराय मे जहरीली शराब से हुई मौत भी बन रही वजह :
हाल ही में नालंदा जिला के सोहसराय मैं 14 लोगों की शराब पीने के कारण हुई मौत का मामला भी विवाद की वजह बना हुआ है, मामला यहीं खत्म नहीं होता अब तो उस स्थिति इतनी बिगड़ती जा रही है कि दोनों दलों के नेता किसी ना किसी मुद्दे को लेकर एक दूसरे के ऊपर सोशल मीडिया के माध्यम से आरोप प्रत्यारोप लगाते दिख रहे हैं। इन मुद्दों को लेकर बयानबाजी से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार का संकट बढ़ा दिया है।
कम सीट का लाने की वजह एलजेपी को बताया था :
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने कम सीट लाने का ठिकरा लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) को चुनाव मैदान में उतरने पर फोड़कर सफाई देती रही। उस समय कहा जा रहा था कि एलजेपी ने कई भाजपा नेताओं को अपनी तरफ लाकर चुनाव मैदान में उतार दी, जिससे जेडीयू के उम्मीदवारों की हार हुई। ऐसे में सबसे ज्यादा चर्चा राजेंद्र सिंह और रामेश्वर चौरसिया को लेकर हुई थी।
कम सीट आने पर भी बने मुख्यमंत्री :
बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी के काफी कम सीट आने के बावजूद बीजेपी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया था. बीजेपी के एक नेता ने नाम प्राकशित करने की शर्त पर कहते हैं कि बीजेपी आखिर कब तक खामोश रहती. बीजेपी की कम सीट हो या ज्यादा, पार्टी से हर समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नेता माना, लेकिन सहयोगी पिछले एक साल में ऐसा कोई मौका नहीं छोड़ा जब बीजेपी को निशाने पर नहीं लिया. दूसरी पार्टी से जेडीयू में आए नेता तो जैसे गठबंधन तोड़ने पर आमदा हैं.
यूपी चुनाव भी बन रही वजह :
असल में यूपी चुनाव में जदयू और बीजेपी के बीच सीटों के तालमेल पर अभी तक नही हुए फैसले और जदयू द्वारा अकेले चुनाव लड़ने के एलान के बाद दोनो दलो के बीच तल्खी काफी तेज हो गयी है.वही 24 सीटो पर होने वाले विधान परिषद के चुनाव में भी सीटो में हिस्सेदारी को लेकर जदयू ने बीजेपी पर दबाब बनाना शुरू कर दिया है लेकि नांलदा जहरीली शराब से हुई मौत के मामले ने गठबंधन नेताओं के बीच भी जहर घोलने का काम किया है.
उधर जदयू के राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी केसी त्यागी का कहना है कि जदयू अब अकेले दम पर यूपी में विधानसभा चुनाव लड़ेगी. इसके लिए पार्टी प्रत्याशियों की घोषणा मंगलवार की बैठक के बाद की जायेगी. माना जा रहा है कि जदयू पार्टी प्रत्याशियों की सूची तैयार कर रही है, जिसकी घोषणा जल्द ही की जायेगी.
फिलहाल शायद अब आने वाला समय ही बताएगा कि बिहार में बीजेपी-जेडीयू की मुश्किलें बढ़ती है या खत्म होती है।