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प्रतिबंधित लॉटरी , ऑनलाइन सट्टा , नशे के कारोबार का मामला गृह मंत्रालय पहुंचा




SON OF SIMANCHAL GYAN MISHRA

अररिया। मुख्यमंत्री बिहार के लगातार आदेशों की अधिकारियों के द्वारा अवहेलना और प्रतिबंधित धंधे के खासकर फारबिसगंज व अररिया जिले सहित राज्य भर में जारी रहने के कारण मामला अब भारत सरकार के गृह मंत्रालय तक जा पहुंचा है । ताजा बिक रहे टिकटें धंधेबाजों और पुलिसिया सांठगांठ के पुख्ता सबूत। 

नीतीश कुमार जी प्रतिबंधित धंधों को लेकर चाहे जितनी भी चिंता क्यों ना जता रहे हों पर फारबिसगंज सहित अररिया जिले से लेकर न केवल पूरा सीमांचल बल्कि राज्यभर में अवैध लॉटरी का धंधा अब भी चोरी छिपे हीं सही पर शान से चल रहा है । 

सोमवार व मंगलवार की फारबिसगंज व अररिया में बेची गई सिंगल ( जाली टिकट ) व ऑरिजनल टिकटें धंधेबाजों की तथाकथित सक्रियता का प्रमाण है।बावजूद इसके पुलिस प्रशासन से लेकर सिविल प्रशासन तक की ऐसे मामलों के प्रति उदासीनता क्या उनके धंधेबाजों से सीधा मिलीभगत के सबूत नहीं तो और क्या है ? क्योंकि शासन व प्रशासन खौफ से चलता है पर धंधेबाजों को किसी का भी खौफ नहीं है । फर्क है की अब ग्रामीण क्षेत्रों को हीं मुख्यतः टारगेट कर सक्रियता का पैटर्न बदल धंधेबाजों ने तकनीक का सहारा ले लिया है । 

हाईटेक हो रहे धंधेबाजों को पुलिस के किस बड़े पदाधिकारी या फिर किस मंत्री व स्वजातीय विधायक और लॉटरी किंग उपेन्द्र सहनी का वरदहस्त प्राप्त है यह अब और भी तिलस्मी खजाने जैसा हो चला है । ना केवल लॉटरी , ऑनलाइन सट्टा बल्कि नशे के कारोबारियों ने खासकर मुस्लिम इलाकों को अपने कब्जे में ले रखा है । जिस पर सरकार भी शायद वोट की रणनीति के तहत कारवाई में हिचक रही है । केवल मेल पर संज्ञान - संज्ञान का खेल खेलने में लगी है । जिससे जनमानस कराह तो रही हीं है वहीं अधिकारियों की रहस्यमयी चुप्पी से सरकार की छवि लगातार धूमिल होती जा रही है ।