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समाज में गुणात्मक सुधार के लिये स्वास्थ्य व शिक्षा क्षेत्र को बेहतर बनाना जरूरी : हुकुम सिंह मीणा



  • जिले में उच्च प्रजनन दर को नियंत्रित करने के लिये किया जा रहा विशेष प्रयास 
  • इंमरजेंसी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिये चिह्नित हेल्थ वैलनेस सेंटर पर लगाये जायेंगे सोलर लाइट                                            
  • अपर सचिव ने की नीति आयोग से संबंधित मामलों की समीक्षा, दिये कई जरूरी दिशा निर्देश 
SON OF SIMANCHAL GYAN MISHRA

अररिया, 04 दिसंबर । समाहरणालय परिसर स्थित परमान सभागार में नीति आयोग से संबंधित मामलों की समीक्षात्मक बैठक का आयोजन शनिवार को किया गया। ग्रामीण विकास मंत्रालय के अपर सचिव हुकुम सिंह मीणा की अध्यक्षता में हुई बैठक में नीति आयोग के विभिन्न मानकों पर गहन चर्चा की गयी। आयोग द्वारा निर्धारित विभिन्न मानकों के आधार पर संचालित विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने इसके क्रियान्वयन को बेहतर बनाने संबंधी कई जरूरी दिशा निर्देश दिये। बैठक में जिलाधिकारी प्रशांत कुमार सीएच, उपविकास आयुक्त मनोज कुमार सहित संबंधित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे। 

स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में जिले का प्रदर्शन पूर्व से बेहतर : 

नीति आयोग के निर्धारित मानकों की समीक्षा करते हुए अपर सचिव हुकुम सिंह मीणा ने कहा कि समाज में गुणात्मक सुधार के लिये स्वास्थ्य व शिक्षा क्षेत्र का विशेष महत्व है। इन दोनों सेवाओं को बेहतर बनाने को लेकर भारत सरकार द्वारा जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में निर्धारित मानकों के अनुरूप लोक कल्याणकारी व जन सरोकार से जुड़ी योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावित हुआ है। इसे फिर बेहतर ढंग से संचालित किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में जिले का प्रदर्शन पूर्व से बेहतर रहा है। लिहाजा आयोग द्वारा जिले को पुरस्कृत भी किया गया है। पुरस्कार के रूप में प्राप्त राशि की मदद से आम लोगों को बेहतर सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विभिन्न संस्थानों की मजबूती व इसका बेहतर संचालन सुनिश्चित कराने की दिशा में उपयोग किया जाना है।  

आयोग द्वारा जारी डेल्टा रैकिंग में स्वास्थ्य क्षेत्र को तीसरा स्थान : 

स्वास्थ्य संबंधी मामलों की समीक्षा करते अपर सचिव ने कहा कि मैटरनल हेल्थ, चाइल्ड हेल्थ, इंफ्रास्ट्रक्चर, इम्युनाइजेशन, टीबी ट्रीटमेन्ट व एफआरयू से जुड़ी सेवाओं से संबंधित आयोग द्वारा निर्धारित मानकों में महामारी के दौर में जिले का प्रदर्शन बेहतर रहा है। बीते अक्टूबर माह में नीति आयोग द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर जारी डेल्टा रैकिंग में अररिया को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। वहीं शिक्षा क्षेत्र को लेकर जारी रैकिंग में अररिया को 07 वां स्थान प्राप्त हुआ है। कृषि संबंधी मामलों को लेकर जारी डेल्टा रैकिंग में 61 वें स्थान, वित्तीय समावेशन में 23 वें स्थान मूलभूत सुविधाओं को लेकर जारी रैकिंग में 95 रैंक हासिल हुआ है। अपर सचिव हुकुम सिंह मीणा ने गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच की प्रक्रिया में सुधार लाने व इसके इंडिकेटर को और बेहतर बनाने का निर्देश दिया। इम्युनाइजेशन की प्रक्रिया को बेहतर बनाने की कवायद की जाये।

उच्च प्रजनन दर में कमी लाने का हो रहा विशेष प्रयास : 

जिलाधिकारी प्रशांत कुमार सीएच ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि नीति आयोग द्वारा प्राप्त राशि को बेहतर उपयोग के लिये जिला प्रशासन संकल्पित है। प्राप्त राशि से चयनित हेल्थ वैलनेस सेंटर जहां डिलिवरी की सेवा का संचालन शुरू किया जाना है। वहां 24 घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से सोलर लाइट उपलब्ध करायी जायेगी। ताकि इंमरजेंसी सेवाओं का बेहतर संचालन किया जा सके। जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में उच्च प्रजनन दर को देखते हुए नव दंपतियों को स्वास्थ्य संस्थानों में आमंत्रित कर उन्हें छोटे परिवार के महत्व से अवगत कराते हुए परिवार नियोजन संबंधी सेवाओं के प्रति जागरूक करने की पहल की जा रही है। 



साथ ही नव दंपत्तियों को नई पहेली किट उपलब्ध करायी जा रही है। जिलास्तर पर की जा रही इस पहल को अपर सचिव ने सराहा। साथ ही उन्होंने जिले में मत्स्य पालन व मखाना उत्पादन को लेकर किये जा रहे कार्यों की तारीफ की और   आर्थिक व शैक्षणिक तौर पर पिछड़े इस जिले के लिये इसे बहुउपयोगी बताया। उन्होंने सामाजिक बदलाव के लिये जनोपयोगी कार्यों को सामूहिक प्रयास के दम पर नया मुकाम देने के लिये अधिकारियों को प्रेरित व प्रोत्साहित किया। बैठक में सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता, एसीएमओ डॉ राजेश कुमार, डीआईओ डॉ मोईज, डीएओ सुधीर कुमार, डीईओ राजकुमार, आपदा प्रबंधन पदाधिकारी पंकज कुमार सहित संबंधित विभागों के अन्य अधिकारी व कर्मी मौजूद थे।