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पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में हुए बम ब्लास्ट मामले में 4 दोषीयों को सुनाई गई फांसी की सजा, दो को उम्र कैद।


फ़ाइल फ़ोटो

न्यूज़ डेस्क। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने 27 अक्टूबर को 10 में से नौ आरोपियों को दोषी करार दिया था। 2013   विशेष एनआईए कोर्ट ने 4 दोषियों को सुनाई मौत की सजा, दो को उम्रकैद की सजा। अन्य दोषियों में से दो को उम्रकैद की सजा, दो को 10 साल की कैद की सजा जबकि एक आरोप को 7 साल की कैद की सजा सुनाई गई है, साथ में जुर्माना भी लगाया गया है।

जुर्माना राशि अदा नहीं करने पर एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इनके अलावा आतंकी उमेर सिद्दीकी और अजहरुद्दीन कुरैशी को आजीवन कारावास तथा 60 हजार रुपये आर्थिक जुर्माना लगाया गया है। अन्य अभियुक्त अहमद हुसैन को 10 साल की सजा और 10 हजार रुपये आर्थिक जुर्माना, फिरोज असलम को 10 साल की सजा और इश्तेखार आलम को सात साल की सजा और 10 हजार रुपये आर्थिक दंड लगाया गया है। जुर्माना नहीं देने पर एक-एक माह अतिरिक्त जेल में रहना होगा।

बताते चलें नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के वक्त पटना के गांधी मैदान सीरियल बम ब्लास्ट की साजिश रायपुर व रांची में रची गई थी। यहीं इसका रिहर्सल भी किया गया था। बिहार के बोधगया में 7 जुलाई 2013 को धमाके के बाद ही पटना के गांधी मैदान में ब्लास्ट की योजना इंडियन मुजाहिद्दीन के जिहादियों द्वारा बनाई थी। बोधगया धमाके का मास्टरमाइंड मोजिबुल्लाह व हैदर अली था। 

बोधगया बम धमाके में हैदर अली ने बौद्धभिक्षु का रूप धारण करके बम प्लांट किये थे। इसके बाद पटना के गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की रैली में धमाके करने के लिए आतंकियों ने विस्फोटक पदार्थ का जुगाड़ करके रांची में जमा किया था।