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ग्रामीण क्षेत्रों में दिवाली पर दिखी महिलाओं की जन्मजात कलाएं



मधुबनी  - लदनियां से हरिश्चन्द्र यादव की रिपोर्ट

विगत 15 दिनों से हुई दिवाली की तैयारियों के बीच घर-आंगन की साफ-सफाई व रंगाई-पोताई में महिलाओं की अहम भूमिका दिखी। ग्रामीण महिलाओं के द्वारा की गई रंगाई-पोताई में कई प्रकार की कलाकृतियां को जीवंतता मिलती दिखी। मिट्टी की दीवारों पर मिट्टी से बनाई गई पारम्परिक चित्रकारियों में भारतीय संस्कृति की झलक स्पष्ट तौर पर देखनो को मिली। दिवाली के दिन प्रायः प्रत्येक घर में बनी रंगोली में जिस प्रकार के रंगों का सटीक समायोजन हुआ, काबिले तारीफ था। 

रंगोलियों में भगवान गणेश, महादेव, माता लक्ष्मी आदि देवताओं के प्रतिरूप दर्शनीय थे। दीप श्रृंखला में भी कलाकारिता देखी गई। उक्त सारी कलाएं महिलाओं में स्वतः स्फूर्त होती दिखी। ग्रामीण महिला नुपूर देवी ने कहा कि महिलाएं मिथिलांचल के पर्व व त्योहारों को पूरी लगन के साथ मनाती है, इसी लगन के कारण  पेंटिंग, चित्रकारिता, गायन आदि के क्षेत्रों में इनकी पहचान बरकरार है।