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देह व्यापार की सूचना पर रेस्ट हाउस से पुलिस हिरासत में लिये गए आठ में से छह को रात के अंधेरे में फारबिसगंज थाने से निजी मुचलके पर छोड़े जाने को ले अटकलों का बाजार गर्म



 SON OF SIMANCHAL GYAN MISHRA,

फारबिसगंज में गुरुवार को देह व्यापार की गुप्त सूचना पर रेस्ट हाउस से हिरासत में लिये गए तीन युवतियों सहित कुल आठ में से छह को देर रात करीब डेढ़ बजे के करीब निजी मुचलके पर थाने से छोड़ दिये जाने को लेकर शहर में दिनभर भिन्न - भिन्न अटकलों का बाजार गर्म रहा ।

            जानकारी के मुताबिक पटना की एक लड़की और फारबिसगंज प्रखंड के हीं खाद - बीज विक्रेता के पुत्र अभी भी पुलिस हिरासत में थाने की शोभा बढ़ा रहे हैं । जिनके भी परिजनों के चर्चानुसार आने का इंतजार हो रहा है । संभव है वो भी .... !

         वहीं दूसरी ओर शहर भर में व्याप्त चर्चा में पुलिस की कारवाई को ले मिश्रित प्रतिक्रिया देखी व सुनी गयी । कइयों ने कहा की देह व्यापार की सूचना वरीय अधिकारी से मिलने पर हीं थाना प्रभारी के नेतृत्व में महिला पुलिस अधिकारी के साथ त्वरित छापेमारी में घंटों की पूछताछ के बाद तीन युवतियों व पांच युवकों को जिस तामझाम के साथ पुलिस फारबिसगंज थाने लाई वह काबिले तारीफ था । 

            पूर्व में भी शहर के कई रेस्ट हाउस से अवैध देह व्यापार के धंधे में शामिल कई युवक व युवती तथा रेस्ट हाउस संचालक जेल भेजे गए उस वक्त पुलिस खासकर डीएसपी रामपुकार सिंह ने पदस्थापना के बाद सर्वाधिक वाहवाही भी बटोरी थी । पर ताजा मामले में देर रात जेल भेजे जाने की तकरीबन प्रायः कागजी औपचारिकताओं को थानाध्यक्ष के अगुवाई में महिला पुलिस अधिकारी अनि मीरा कुमारी के देखरेख में पूरा करने से पूर्व पैरवी पुत्रों सह जद यू के प्रदेश स्तर के नेता सह बड़े व्यवसायी को भी थानाध्यक्ष ने एकदम से नकार दिया था, तो जाननेवाले सभी को लगा की पुलिस अच्छा काम कर रही है । 



        चर्चा यह भी निकली की मामले में देर रात नेताजी को पीड़ित के परिजनों ने मामले की जानकारी दी और मदद की गुहार लगायी । तब जाकर नेता जी और वरीय अधिकारी से हुए कथित बातचीत के बाद न जाने ऐसा क्या हुआ की देर रात में हीं दो युवती सहित चार युवकों को निजी मुचलका पर थाना से छोड़ना हीं पड़ गया। थाने में लगे सीसीटीवी व मौजूद पुलिस कर्मियों के अलावे पूरे घटनाक्रम के दौरान उपस्थित शहर के कई पैरवी पुत्रों व हिरासत में लिये गए लोगों के परिजनों की आंखें पल - पल बदल रहे घटनाक्रम के गवाह रहे। यहां तक की अगले दिन प्रमुख अखबार ने भी सुर्खियां बटोरी ।