मधुबनी - हरलखी से रौशन कुमार की रिपोर्ट।
खिरहर थाना क्षेत्र के खिरहर गांव में हरि मंदिर के परिसर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन वृन्दावन से आये कथावाचक श्री सियाराम शरण जी महाराज।उन्होंने ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा सुनने से मनुष्य के कई जन्मों के पाप का क्षय हो जाता है। कहा कि सबों को श्रीमद्भागवत कथा सुनने के साथ साथ उसकी शिक्षाओं पर भी अमल करना चाहिए।प्रसंग में उन्होंने बताया कि वामन अवतार के रूप में भगवान विष्णु ने राजा बलि को यह शिक्षा दी कि दंभ तथा अंहकार से जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होता और उन्होंने यह भी कहा कि यह धनसंपदा क्षणभंगुर होती है। इसलिए इस जीवन में परोपकार करों। उन्होंने कहा कि अहंकार,गर्व,घृणा और ईष्र्या से मुक्त होने पर ही मनुष्य को ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। यदि हम संसार में पूरी तरह मोहग्रस्त और लिप्त रहते हुए सांसारिक जीवन जीते है तो हमारी सारी भक्ति एक दिखावा ही रह जाएगी।कथा के दौरान वामन अवतार की झांकी दिखाई गई और तेरे द्वार खड़ा भगवान भगत भर दे रे झोली ऐसे मौके पर श्रद्घालु भाव विभोर हो उठे।
वही उसके बाद भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया ।
श्रीमद्भागवत कथा में शनिवार को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कथा के दौरान जैसे भगवान का जन्म हुआ तो पूरा पंडाल नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयकारों से गूंज उठा पूरा प्रखंड।इस दौरान लोग झूमने-नाचने लगे।साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की वेश में नन्हें बालक के दर्शन करने के लिए लोग लालायित नजर आ रहे थे। भगवान के जन्म की खुशी पर महिलाओं द्वारा अपने घरों से लगाए गए गुड़ के लड्डूओं से भगवान को भोग भी लगाया गया।इस अवसर पर व्यास श्री सियाराम जी महाराज ने अपने मधुर बनी से कहा कि जब धरती पर चारों ओर त्राहि-त्राहि मच गई, चारों ओर अत्याचार का साम्राज्य फैल गया तब भगवान श्रीकृष्ण ने देवकी के आठवें गर्भ के रूप में जन्म लेकर कंस का संहार किया। इस अवसर पर उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं का भी वर्णन किया। कथा के दौरान पप्पू चौधरी,सुनील चौधरी,राजू शर्मा,गोपाल राजा,मनोज झा सहित कई अन्य सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
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