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प्रखंड नजारत में वित्तीय अनियमितता की जांच के लिए गठित टीम सात महीने बाद पहुंची

 


मधुबनी से आशीष झा / लदनियां से हरिश्चन्द्र यादव की रिपोर्ट

लदनियां प्रखंड नजारत में करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितता की शिकायत को अति गंभीर मानते हुए डीएम ने  2 जनवरी को जांच कमेटी गठित की थी। जांच रिपोर्ट सात दिनों में देनी थी, जो सात महीने बाद भी नहीं दी जा सकी। कमेटी साढ़े सात महीने बाद मंगलवार को प्रखंड नजारत पहुंची। 

कमेटी में कन्हैया लाल गोस्वामी वरीय कोषागार पदाधिकारी सह जिला लेखा पदाधिकारी मधुबनी, दुखी राम कार्यालय अधीक्षक मधुबनी, राम किसुन राम संविदा लिपिक अनुमंडल कार्यालय, बेनीपट्टी शामिल थे।

बीडीओ अखिलेश्वर कुमार द्वारा प्रतिवेदित पत्र में उल्लेख किया गया था कि सामान्य प्रभार ग्रहण के बाद वित्तिय प्रभार के क्रम में सामान्य रोकड़ पंजी अनियमित देखी गई। करोड़ों रुपये की वित्तिय अनियमितता सामने आयी थी। जांच रिपोर्ट में सच्चाई सामने आने की सम्भावना है।

गौरतलब है कि तत्कालीन जिलाधिकारी के पत्रादेश के आलोक में प्रखंड के नाजिर सीताराम ठाकुर को खजौली व राजनगर के नाजिर उदयकांत सिंह को लदनियां में ग्यारह माह पूर्व पदस्थापित किया गया था।  प्रभार सौंपने के क्रम में वित्तीय लेखाजोखा की गणित गड़बड़ाती चली गई थी। बेहिसाब होती गड़बड़ी के कारण प्रभार अभी तक लंबित है।  

बीडीओ द्वारा प्रतिवेदित पत्र के अनुसार नजारत में लगभग 2. 97  करोड़ की राशि के खर्चे का वाउचर अनियमित है। राशि की निकासी किस मद से हुई इसका भी स्पष्ट उल्लेख है। अग्रिम के नाम पर कुल 56.68 लाख की निकासी हुई, जिसमें मद का स्पष्ट उल्लेख नहीं है। 

पूछे जाने पर पूर्व नाजिर श्री ठाकुर ने कहा कि कुछ मामले में उनसे गलती हुई है, लेकिन सभी मामलों के लिए वे ही जवाबदेह नहीं हैं। तो फिर कौन जवाबदेह है, जांच के बाद सामने आएगा। पंचायत सचिवों के नाम बने कुछ चेक को उदभेदन की संभावना के मद्देनजर कैंसिल किया गया है। लेकिन जिसने कैंसिल किया उसके हस्ताक्षर चेक पर नहीं हैं। इस क्रम में कई और मामले संदेहास्पद दिखे। तेरह माह पूर्व पदस्थापित बीडीओ अखिलेश्वर कुमार ने विधिवत कैश प्रभार नहीं लिया है।

नए नाजिर की माने तो लाखों की वित्तीय अनियमितता बरती गई है। सच्चाई जांच रिपोर्ट से सामने आएगी।