अररिया/फारबिसगंज
सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत प्रत्येक पंचायत में उप स्वास्थ्य केंद्र खोलने की घोषणा महज सपना बनकर रह गया है। सामाजिक कार्यकर्ता प्रभात यादव ने अड़राहा में उपस्वास्थ्य केंद्र बनवाने के जिला के डीएम से लेकर सीएम तक गुहार लगाई। लेकिन अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं किया गया। जबकि प्रभात उप स्वास्थ्य केंद्र के दस डिसमिल जमीन भी दान देने के लिए तैयार है। अभी तक विभागीय स्तर पर उप स्वास्थ्य केंद्र खोलने की स्वीकृति तक नहीं मिली है। विभागीय उदासीनता से त्रस्त होकर प्रभात यादव ने विधानसभा चुनाव के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री को एक पत्र लिखकर फारबिसगंज प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत अड़राहा पंचायत में उप स्वास्थ्य केंद्र खोलने की दिशा में सार्थक पहल करने का अनुरोध था। इस दिशा में कोरोना जैसी महामारी में भी अब तक किसी भी प्रकार का ठोस पहल नहीं किया गया है।
बता दें कि अड़राहा पंचायत से अनुमंडलीय अस्पताल फारबिसगंज की दूरी लगभग 14 किलोमीटर है। अड़राहा पंचायत फारबिसगंज प्रखंड क्षेत्र के सबसे अंतिम छोर में बसा है,जिनके कारण अड़राहा पंचायत वासियों को फारबिसगंज जाने में काफी परेशानी होती है। यदि रात में कोई घटना हो जाये तो इतनी दूर जाने के लिए कोई साधन भी नहीं होता है। गांव में सबके पास अपना गाड़ी नहीं है। दिन में किसी को कुछ हो तो किसी तरह चले जाते लेकिन रात में कोई घटना हो जाये तो उतना दूर जाने में काफी परेशानी होती है,देर होने पर कई बार अनहोनी भी हो जाती है। गांव में किसी को सांप काट ले तो इतने दूर जाने तक में मौत हो जाती है,वहीं अस्पताल नजदीक नहीं होने के कारण लोग अंधविश्वास में पड़ जाते है,गांव में झार फूक आदि से झड़वाने लगते है जिनके कारण कई बार मौत भी हो जाती है। वही किसी गर्भवती महिला को रात में किसी तरह की परेशानी हो तो उतनी दूरी तय करने में काफी परेशानी होती। सरकार स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर करने की बात करते रहते है लेकिन इतने दूर-दूर पर अस्पताल रहने से ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है। ज्ञातव्य हो कि आजकल गांव में बहुत झोलाछाप डॉक्टर पनप गए है, अस्पताल दूर रहने के कारण किसी का तबियत खराब होता है तो झोलाछाप से ही दिखाना पड़ता है। जिनसे और ज्यादा ही तबियत बिगड़ जाता है। अस्पताल दूर रहने के कारण कई गर्भवती महिला के साथ अनहोनी हो गया है।
बिहार सरकार का 2021-22 के लिए जो बजट पास हुआ उनमे भी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा को काफी ख्याल रखा गया। शिक्षा से भी ज्यादा जरूरी है ,स्वास्थ्य सुविधा। क्योंकि जिंदगी बचेगा तभी लोग पढ़ेगा।बिहार के अस्पताल का क्या स्थिति है,किसी से छिपा हुआ नहीं है।सरकार हमेशा स्वास्थ्य सुविधा बेहतर करने की बात करते है लेकिन सरकार को सबसे पहले ये भी ध्यान देना होगा कि हर पंचायत के नजदीक में अस्पताल होना चाहिए ताकि ग्रामीणों को ईलाज के लिए दूर न जाना पड़े।
फारबिसगंज प्रखंड क्षेत्र के अड़राहा पंचायत उप स्वास्थ्य केंद्र के लिए सामाजिक कार्यकर्ता प्रभात यादव कई बार जिलापदाधिकारी के पास आवेदन भी दिया है साथ ही भूदान के लिए भी तैयार है लेकिन अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं किया गया है। समाजसेवी प्रभात यादव का कहना है कि मैं खुद का 10 डिसमिल जमीन अड़राहा उप स्वास्थ्य केंद्र के लिए दान में देना चाहता हूँ। उसने कहा कि प्रशासन उप स्वास्थ्य केंद्र बनवाने का काम करे। प्रभात यादव ने कहा कि मैं अपना जमीन उप स्वास्थ्य केंद्र के लिए इसलिए देना चाहता हूँ कि इनसे हमारे मन को सुकून मिलेगा। हजारों लोग का उपस्वास्थ्य से भला होगा उनका आशीर्वाद मेरे साथ रहेगा। थोड़ा सा कुछ देकर हजारों लोगों के जिंदगी में रौशनी लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अड़राहा में उपस्वास्थ्य केंद्र जल्द नहीं बनता है तो वह आमरण अनशन के लिए बाध्य होगा।