आज एक बार पुनः #कोरोना #बिहार मे भयावह रूप धारण कर लिया है और सरकार को समझ नहीं आ रहा है कि क्या किया जाय।
हमारे मुख्यमंत्री NitishKumar जी कुछ आला अधिकारियों से घिरे रहते है जो दिन भर उनका गुणगान किया करते हैं, और स्वास्थ्य मंत्री Mangal Pandey जी का तो पूछिए मत इनको तो सिर्फ Transfer_posting से मतलब है।
ओटी असिस्टेंट, X-ray तकनीशियन, ईसीजी लैब तकनीशियन, ड्रेसर आदि पदों पर नियुक्ती की फ़ाइल को मंत्री कोषांग मेे अटका कर रखे हुए है।जिस वजह से न्यू नियुक्ति होने में विलम्ब हो रही है।
इस स्थिति मे हम #बिहारी भगवान भरोसे ही है। यहां एक तो जांच कम हो रही है, जो #सैंपल्स लिए जा रहे हैं वो भी रखे रखें खराब हो जा रहे हैं।
अगर सैंपल सही #लैब मे पहुंच भी गए तो वहाँ #लैब_तकनिशियन नहीं है जिस वजह से #रिपोर्ट आने मे 10-15 दिन लग जा रहे हैं। #सरकार की मंशा है कि किसी तरह #आंकड़े कम रखे जाय।
ऐसे मे अगर सरकार सच मे कुछ करना चाहे तो उसे निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए
1. वैसे 3-5 गैर सरकारी डाक्टरों की सलाहकार समिति बनाए जिन्हें transfer-posting से मतलब नहीं हो
2. कम गंभीर मरीजों के लिए कम से कम 5000 बेड का अस्थायी अस्पताल बनाए ताकि #Aiims,#PMCH,#Nmch जैसे अस्पतालों मे गंभीर और दूसरी गंभीर बिमारियों से ग्रसित मरीजों का इलाज हो सके।
3. सरकार द्वारा अनुदानित #मेदांता_हास्पिटल मे अभी तक ईलाज शुरू नहीं हो पाया है।अतः उसे पूर्ण रूप से कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सुरक्षित किया जाय।
4. #Remdesivir दवा सरकारी अस्पतालों मे मुफ्त उपलब्ध कराया जाय।
5. हर जिले मे plasma_bank बनाया जाय।
6. सभी जिला अस्पतालों मे कम से कम 10 #ventilatorsऔर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तक #pulse_oximeter की व्यवस्था की जाय।
7. #मास्क और #सैनिटाइजर का वितरण गांवों तक किया जाय और इसके लिए आशा कार्यकर्ता को शामिल किया जाय।
8. #चिकित्सा, #पुलिस और सभी #सफाई कर्मचारियों का एक #करोड का बीमा किया जाय ताकि वे बिना #डर के काम कर सके।
9. सभी कर्मचारियों को ससमय वेतन मिले।
10. जांच की संख्या कम से कम एक #लाख प्रतिदिन किया जाय एवं 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट दिया जाय।
11. आपदा को #आपदा ही समझे उसे #इनकम का स्रोत ना समझे।
डॉक्टर राजीव रंजन,फिजियोथैरेपिस्टट, पटना

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