न्यूज़ डेस्क। पुलिस से अभी इंडिगो मैनेजर रूपेश मर्डर केस की गुत्थी सुलझी भी नहीं थी कि प्रखंड कृषि पदाधिकारी अजय कुमार की हत्या हो जाती है। अजय कुमार बीते 18 जनवरी से लापता थे। इनकी हत्या कर हत्यारों ने उनका शव नदी किनारे फेंक दिया सबकी हालत देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि लाश पूरी तरह सड़ चुकी है।
बिहार पुलिस के लिए राजधानी में बढ़ती हत्या किसी चुनौती से कम नहीं है। कई दिन बीत जाने के बाद भी इंडिगो फ्लाइट मैनेजर जैसे हाई प्रोफाइल मर्डर केस जो स्वयं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की देखरेख में जिसकी जांच चल रही हो उसका खुलासा अभी तक नहीं हो सका और ना ही हत्यारे का कोई सुराग मिला हो ऐसे में बिहार सरकार के ही किसी पदाधिकारी की हत्या हो जाना अपने आप में कहीं न कहीं सवालिया निशान जरूर खड़ा करता है।
नया मामला 18 जनवरी से शुरू हुआ जब अजय कुमार अपने कार्यालय जाने के लिए पटना के कंकड़बाग स्थित अपने आवास से मसौढ़ी अपने कार्यालय जाने के लिए निकले उस दिन तो वह ना ही अपने कार्यालय पहुंचे और ना ही वापस अपने घर । परिवार वालों ने जब उनके मोबाइल पर फोन किया तो घंटी बजती रही परंतु वह फोन रिसीव नहीं कर रहे थे ।
अगले दिन यानी 19 जनवरी को उनका फोन स्विच ऑफ बताने लगा। घर वाले ने इसकी सूचना थाने को देकर मामला दर्ज कराया। पुलिस के अनुसार किसी किसान सेवा केंद्र बीज एजेंसी का पुत्र गोलू से जमीन खरीदारी के पांच लाख रुपए का मामला अजय के साथ चल रहा था, जिसकी मांग करने पर गोलू नामक शख्स ने ही अजय की हत्या की है और शव को नदी किनारे गाड़ दिया।
परिवार वालों ने भी गोलू के नाम से ही मामला दर्ज कराया था इसके बावजूद पटना पुलिस ने इतने दिन बीतने पर भी लापरवाही बरती फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए पीएमसीएच भेज दिया है इधर गोलू भी गिरफ्तार हो चुका है। पुलिस उससे पूछताछ में जुटी है।