मधुबनी नगर से संवाददाता फिरोज आलम की रिपोर्ट।सीपीआई जिला मंत्री मिथिलेश झा ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा है कि शहर के नीलम चौक पर किसी एक खास जाति के नाम पर शहीद द्वार का विधायक द्वारा उद्घाटन करना शर्मनाक घटना है ।
स्वतंत्रता आंदोलन 14 अगस्त 1942 को शहर में हुए दो शहीद अकलू साह-गनेशी ठाकुर को जाति के राजनीति में बांधकर रखना ओछी मानसिकता को दिखाता है । सीपीआई ऐसी करवाई के खिलाफ जिला पदाधिकारी , अनुमंडल पदाधिकारी सदर , कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद मधुबनी एवं माननीय मंत्री नगर विकास एवं आवास विभाग ,बिहार सरकार को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज करते हुई निर्मित द्वार पर दोनों शहीदों का नाम लिखने का अनुरोध किया था ।
परंतु दुर्भाग्य की बात है कि आश्वाशन के बाबजूद उस द्वार पर शहीद अकलू तुरहा का नाम लिखकर शहीदों का अपमान किया गया गया । शहर के माननीय प्रतिनिधि , वार्ड पार्षद जो भी इस शहर के प्रतिनित्व करते है उनसे सम्पर्क करने पर कहा गया कि आप लोग पहले नही बतायें , जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है ।
मिथिलेश झा ने कहा इस शहीद द्वार बनने का प्रस्ताव नगर परिषद के स्टेरिंग कमिटी की बैठक दिनांक 21.12.2019 में लिया गया है जबकि सीपीआई के मधुबनी शहर के मंत्री मोतीलाल शर्मा द्वारा नगर परिषद मधुबनी के कार्यपालक पदाधिकारी को 25 .11. 2019 , को ही आवेदन देकर कहा गया कि द्वार शहीद अकलू साह-गणेशी ठाकुर के नाम पर बनाया जाय । तब भी हमारे नगर परिषद के स्टेरिंग कमिटी के माननीय सदस्य कहते है कि आप लोग पहले नही बताये ।
सीपीआई मधुबनी जिला प्रशाशन से मांग करती है शहीदों को उचित सम्मान देने का काम सरकार का है । अगर अविलंब नीलम चौक पर बने द्वार पर दोनों शहीदों का नाम नही लिख गया तो सीपीआई के अगुवाई आम जनता सड़क पर उतर कर विरोध करेगी वहीं बुधवार की शाम मिथिलेश झा ने सदर अनुमंडल पदाधिकारी से वार्ता की वार्ता के बाद आश्वस्त किया गया कि दोनों शहीदों का नाम द्वार पर लिखा जाएगा