मधुबनी - लदनियां से हरिश्चन्द्र यादव की रिपोर्ट :
विधानसभा चुनाव के दिन नजदीक आते ही पटना स्थित राजद के पार्टी कार्यालय में बाबूवरही विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवारी देने वालों की लाइन लगी हुई है। कई लोगों ने आवेदन किये हैं। सबों के दावे व तर्क अलग हैं। 1990 के दशक से आज तक के चुनावी इतिहास में दो बार छोड़ शेष सभी चुनावों में राजद उम्मीदवार के रूप में दोनवारी पथलगाढ़ा लदनियां के देवनारायण यादव व उनके निधनोपरान्त उनके दामाद रहिकपुर बाबूवरही निवासी प्रो. उमाकांत का कब्जा रहा। 
देवनारायण यादव के बाद उनके परिवार में उस समय किसी की राजनीतिक पहचान नहीं थी, जिसका लाभ दामाद को मिला, जिसे लोगों का आशीर्वाद मिलता रहा। इसबार इस परिवार से दो बार पंस चुनाव जीतने वाले उनके भतीजे रामकुमार यादव ने अपनी दावेदारी में पार्टी कार्यालय में आवेदन दिया है। उनके अनुसार बफादारी के बात करनेवाले ऐसे कई लोग टिकट हड़पने के दौर में हैं, जिन्हें बफादारी का ककहरा ठीक-ठीक मालूम नहीं। ऐसे लोगों का सामाजिक सरोकार से कोई लेना देना नहीं रहा है। 
बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कई चेहरे हैं, जो बिहार विधानसभा के पूर्व स्पीकर देवनारायण यादव के समय से ही लालू प्रसाद यादव की पार्टी के साथ इमानदारी से पार्टी संगठन को मजबूत करते रहे हैं, जो आज भी तेजस्वी यादव को भावी मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। ऐसे लोगों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। विधानसभा क्षेत्र की जनता की राय माने तो, विरोधी को शिकस्त देने वालों में स्व. देव नारायण यादव के परिवार से ताल्लुक रखने वाले ही कोई हो सकते हैं। यही मानकर पंसस रामकुमार यादव ने अपना दावा पार्टी कार्यालय में पेश किया है।


 
 
 
 
 
 
 
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