मधुबनी से आशीष / फिरोज आलम की रिपोर्ट। पूर्व केंद्रीय मंत्री कांग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा कि कोविड-19 के दौरान बिहार सरकार पूरी तरह से विफल हो गई। जब संक्रमण तेजी से फैला हुए बिहार के बाहर ही प्रवासियों को रहने की अपील कर रहे थे। जबकि उनकी या तो नौकरी चली गई थी या फिर आधे वेतन पर गुजारा करने की विवशता थी। जो प्रवासी अपने घरों को लौट रहे थे सरकार ने उनके साथ काफी बुरा बर्ताव किया।
मजबूरन लोग पैदल ही अपने घर तक पहुंच गए। वे मंगलवार को कांग्रेस जिला कार्यालय में प्रेस को संबोधित कर रहे थे। बिहार में वर्तमान में भी जो हालात हैं वह काफी बदतर हैं स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। डॉक्टर शकील अहमद ने निलंबन वापसी के बाद कहा कि करीब एक डेढ़ वर्षो के कार्यकाल में कभी भी ऐसा नहीं हुआ जब वह कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ कहीं अपना बयान दिए।
वह हर प्रेस वार्ता और सभाओं में यह बात जरूर कहते थे कि मैं कांग्रेस में था कांग्रेस में हूं और कांग्रेस में रहूंगा। निलंबन मुक्त करने के लिए उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व सोनिया गांधी और राहुल गांधी को साधुवाद दिया। उन्होंने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कहा कि जो परिस्थितियां अभी हैं वह चुनाव के लिए ठीक नहीं है। डॉक्टर शकील अहमद ने कहा कि भाजपा के बीते दिनों रैली में प्रदेश अध्यक्ष सहित 75 कार्यकर्ता पॉजिटिव हो गए। बावजूद कांग्रेस पार्टी भी चुनाव के लिए पूरी तरह से कमर कस ली है।
उन्होंने चुनाव आयोग से अपील की थी चुनाव के दौरान मतदाताओं की सुरक्षा को लेकर पूरा ख्याल रखें। डॉक्टर शकील अहमद ने कहा कि 45 वर्षों में बेरोजगारी सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। किसानों की आमदनी भी बीते 14 वर्षों में सबसे कम हुआ है। जबकि चुनाव के समय मोदी जी किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात कर रहे थे। अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं। पर इन तमाम चीजों को रोकने में केंद्र और राज्य सरकार विफल साबित हो रही है।
डॉक्टर शकील अहमद ने कांग्रेस द्वारा आयोजित बुधवार को वर्चुअल रैली में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की है और कहा कि निश्चित तौर पर मधुबनी जिले से बड़ी तादात में लोग वर्चुअल रैली में जुड़ेंगे। प्रेस को संबोधित करने वालों में बेनीपट्टी की विधायक भावना झा, जिला अध्यक्ष प्रोफेसर शीतलाम्बर झा, संजय मिश्र, सुभाष झा ननकू कोमा नलिनी रंजन उर्फ रूपन झा, राम इकबाल पासवान, प्रोफ़ेसर मीनू पाठक, अजय राय, मोहम्मद साबिर, विजय कुमार झा भोला, मुकेश कुमार झा पप्पू आदि शामिल थे।