- प्रबंध समिति की पहली बैठक में जीविका निधि के सफल संचालन हेतु 20 कार्यसूची को मिली स्वीकृति
- बिहार सरकार द्वारा जीविका निधि के लिए उपलब्ध कराई गई है 105 करोड़ रुपये की धनराशि
पटना, 31 जुलाई।
बिहार में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत ‘जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड’ के प्रबंध समिति की गुरुवार को हुई पहली बैठक में आगामी तीन माह की कार्य योजनाओं को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। बिहार सरकार की यह पहल महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
ग्रामीण विकास विभाग के सभागार में गुरुवार को प्रबंध समिति की पहली बैठक में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह और जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी हिमांशु शर्मा, प्रबंध समिति से जुड़ी 12 जीविका दीदियों के साथ राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के मुख्य महाप्रबंधक, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) के वरीय अधिकारी समेत कई अन्य पदाधिकारी शामिल थे। जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी हिमांशु शर्मा ने बैठक में बताया कि इस संगठन के संचालन की पूरी जिम्मेदारी जीविका दीदियों के हाथों में होगी।
उन्होंने बताया कि जीविका निधि के सफल संचालन हेतु मंत्रिमंडल से कुल 653 पदों पर प्रतिनियुक्ति अथवा संविदा पर नियुक्ति की स्वीकृति मिल चुकी है। बिहार सरकार द्वारा जीविका निधि में कुल 105 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करा दी गई है। इसमें स्थापना मद के लिए 5 करोड़ रुपये भी शामिल हैं। जबकि अगले कुछ ही महीनों में जीविका निधि के लिए दो हजार से तीन हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था करने का लक्ष्य है।
यह जीविका समूह से जुड़ी महिलाओं के लिए एक बैंक की तरह काम करेगा और इसके माध्यम से जीविका समूह की महिलाओं को उनकी व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुरूप बैंक द्वारा किफायती ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इसका उद्देश्य न केवल ऋण की त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित करना है, बल्कि सामुदायिक निधियों से जुड़े जोखिमों को भी न्यूनतम करना है।
बैठक में फैसला लिया गया है कि शुरुआती दौर में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के लिए तीन तरह के ऋण उपलब्ध कराए जाएंगे। जिसमें 15 हजार रुपये, 75 हजार रुपये और अधिकतम दो लाख रुपये के ऋण होंगे। जो प्रतिवर्ष 12 प्रतिशत के ब्याज दर पर उपलब्ध कराए जाएंगे। इस ऋण को चुकाने के लिए अलग-अलग समय सीमा तय की गई है। 15 हजार रुपये के ऋण को चुकाने के लिए एक वर्ष, 75 हजार के ऋण के लिए दो वर्ष और दो लाख रुपये के ऋण के लिए अधिकतम तीन वर्ष का समय दिया जाएगा। इस ऋण के विरुद्ध प्रतिवर्ष 12 प्रतिशत की दर से ब्याज की वसूली की जाएगी।
राज्य मंत्रिमंडल द्वरा स्वीकृत कुल 653 पदों में राज्यस्तर पर 43, जिलास्तर पर 76 पद (प्रत्येक जिला के लिए 02 पद) और प्रखंड स्तर पर 534 पद (प्रत्येक प्रखंड के लिए एक-एक पद) है। ये सभी पद प्रतिनियुक्ति अथवा संविदा पर होने वाली नियुक्ति पर आधारित होंगे। इस बैठक में आगामी तीन माह की कार्य योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। श्री शर्मा ने बैठक में कहा कि बैंक में ऐसे ऋण उत्पाद तैयार किए जाएंगे, जो बड़ी राशि की मांग को समय पर पूरा कर सकें। इससे छोटे स्तर पर चल रहे व्यवसायों को मजबूती मिलेगी और महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकेंगी। स्वयं सहायता समूह की सदस्य महिलाओं को वार्षिक 12 प्रतिशत की ब्याज दर पर पूंजीगत ऋण मिलेगा। भविष्य में आवश्यकतानुसार ब्याज दरों में परिवर्तन का अधिकार प्रबंधन समिति को होगा।
सचिव ग्रामीण विकास विभाग, बिहार ने बताया कि जीविका निधि से ग्रामीण समुदाय को त्वरित ऋण उपलब्ध हो सकेगा जो उन्हें आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में सहायक होगाI प्रबंध समिति की पहली बैठक में जीविका निधि के सफल संचालन हेतु 20 कार्यसूची को मिली स्वीकृतिI
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