- पिछले तीन वर्षों के पटना में लग्जरी कारों की बढ़ रही डिमांड
- पटना में 1403 महंगे चार पहिया वाहनों की हुई खरीदारी, इनोवा क्रिस्टा सबसे पसंदीदा
पटना। राजधानी पटना के लोगों में अब मंहगी या लग्जरी गाड़ियों को रखने का शौक बढ़ता जा रहा है। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (बीएसआरटीसी) से मिली जानकारी के अनुसार, इस वर्ष जनवरी से अबतक 25 लाख से एक करोड़ रुपए मूल्य तक के तकरीबन 400 लक्जरी वाहनों की खरीदगी हुई। इसमें सबसे अधिक टोयोटा कंपनी की इनोवा क्रिस्टा गाड़ी की बिक्री हुई। इसकी संख्या कुल बिक्री हुई गाड़ियों की आधी यानी करीब 200 गाड़ी है। इसके बाद दूसरी सबसे ज्यादा बिकने वाली गाड़ियों में टोयोटा कंपनी की ही फॉर्च्यूनर शामिल है। इसके अलावा इस समयसीमा में नौ मर्सडीज, नौ जगुआर, सात पोर्शे, दो ऑडी, चार रेंज रोवर की डिफेंडर और चार रेंज रोवर वाहन शामिल हैं। पिछले वर्षों के मुकाबले इस वर्ष लग्जरी गाड़ियों की बिक्री अधिक तेजी से बढ़ी है।
हर साल बढ़ रही महंगे कार खरीदने वालों की संख्या
बीते कुछ वर्षों में महंगे वाहनों की खरीदारी का ट्रेंड लगातार बढ़ता हुआ प्रतित हो रहा है। वर्ष 2024 में कुल 363 महंगे वाहनों की खरीदारी पटना जिले में की गई थी। इसमें सबसे अधिक 301 फार्च्यूनर, 24 बीएमडब्ल्यू, 20 मर्सडीज, सात डिफेंडर, सात रेंज रोवर और चार पोर्शे वाहन खरीदे गए थे। वर्ष 2023 में कुल 353 महंगे वाहन खरीदे गए, जिनमें सबसे 313 फार्च्यूनर, 13 जगुआर, 16 बीएमडब्ल्यू, पांच डिफेंडर और एक मर्सडीज बेंज गाड़ी लोगों की पसंद बनीं। वहीं, वर्ष 2022 में कुल 295 महंगे वाहनों की बिक्री हुई थी, जिनमें 242 फार्च्यूनर, 20 मर्सडीज बेंज, 19 बीएमडब्ल्यू इत्यादि महंगे चारपहिया वाहन लोगों ने खरीदे थे।
पटना में बड़ी संख्या में खुल रहे शोरूम
पटना में जिस तेजी से महंगी गाड़ियों का शौक लोगों के सिर चढ़कर बोलने लगा है। इसके साथ ही यहां कई देशी-विदेशी ब्रांड के शोरूम की संख्या भी बढ़ने लगी है। अभी पटना शहर में 59 चार पहिया वाहनों के शोरूम मौजूद हैं, जिसमें मारूति के शो-रूम की संख्या अधिक है। इसके अतिरिक्त अन्य कंपनियों के शोरूम भी शामिल है। अब तो मर्सिडिज जैसी बड़े ब्रांड के शोरूम भी खुलने लगे है। मर्सिडिज जैसी कंपनी का शोरूम पहली बार यहां खुला है। पहले यहां के लोगों को इस तरह की महंगी गाड़ी खरीदने के लिए रांची, कोलकाता या वाराणसी जाना पड़ता था। लग्जरी गाड़ियों की बिक्री बढ़ने से सरकार को मुख्य रूप से जीएसटी अधिक मिलता है। रोड टैक्स के साथ राजस्व में भी बढ़ोतरी होती है।

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