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त्रिदिवसीय प्रेमनाथ खन्ना स्मृति समारोह का लघुकथा उत्सव से आगाज



  • त्रिदिवसीय प्रेमनाथ खन्ना स्मृति समारोह का लघुकथा उत्सव से आगाज 
  • ममता मेहरोत्रा लिखित व सुमन कुमार निर्देशित घूस का मंचन 
  • सोमवार को मुशायरा और मंगलवार को कवि गोष्ठी का आयोजन 

पटना। कला - संस्कृति एवं युवा विभाग तथा सामयिक परिवेश के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित त्रिदिवसीय आदिशक्ति प्रेमनाथ खन्ना स्मृति समारोह की शुरुआत लघुकथा उत्सव से हुई। कला संस्कृति सचिव प्रणव कुमार ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का उद्घाटन किया। 

मौके पर चर्चित साहित्यकार ममता मेहरोत्रा के संपादकत्व में प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित 101 लघुकथाओं के साझा संग्रह " कहीं धूप कहीं छांव " का लोकार्पण प्रणव कुमार, डॉ मिथिलेश अवस्थी, डॉ राम दुलार सिंह पराया, समीर परिमल, डॉ ध्रुव कुमार ने समवेत रूप से किया। 




कला- संस्कृति सचिव प्रणव कुमार ने साहित्य, संगीत एवं नाटक के इस त्रिदिवसीय उत्सव की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज में सकारात्मक संदेश प्रसारित होता है और इसका लाभ नई पीढ़ी को भी मिलता है। 

" लघुकथा : नए दौर में " विषय पर बोलते हुए लघुकथाकार डॉ मिथिलेश अवस्थी (नागपुर, महाराष्ट्र), राम दुलार सिंह पराया (चुनार, उत्तरप्रदेश), डॉ भगवती प्रसाद द्विवेदी एवं प्रो अनीता राकेश ने कहा कि नए दौर के लघुकथाकार और पाठक सोशल मीडिया से प्रभावित हो रहे हैं, जाहिर है इससे नई रचनाएं भी प्रभावित हो रही हैं। 
अध्यक्षता करते हुए नई धारा के संपादक डॉ शिवनारायण ने कहा कि पटना पिछले चार- पांच दशकों से लघुकथा लेखन के क्षेत्र में अगुआई कर रहा है। यहां हर दिन लघुकथा से संबंधित गतिविधियां हो रही हैं। 

लघुकथा पाठ सत्र में रूबी भूषण, अनिल रश्मि, राम यतन यादव, तारिक असलम तसनीम, नसीम अख्तर, आलोक चोपड़ा, अहमद रजा हाशमी, चितरंजन भारती, सिद्धेश्वर, तनूजा सिंह, पीहू, सुमन कुमार, श्रेया, आशा रघुदेव सत्यम, अतुल राय, कशिश, पीहू पटेल, वीरेन्द्र भारद्वाज आदि ने अपनी- अपनी लघुकथा का पाठ किया 

दूसरे सत्र में ममता मेहरोत्रा की कहानी घूस का मंचन किया गया। इस कहानी का नाट्य रूपांतरण अखिलेश्वर प्रसाद सिन्हा ने तथा इसे परिकल्पित और निर्देशित बिहार के वरिष्ठ रंगकर्मी सुमन कुमार ने किया । नाटक में मंच पर अखिलेश्वर प्रसाद सिन्हा, श्रीपर्णा तिवारी, सौरभ कुमार सिंह, युगल किशोर सिन्हा, नन्दलाल सिंह, मुस्कान शर्मा, सुरुची कुमारी,मिथिलेश कुमार सिन्हा, आजाद शक्ति, अरविन्द कुमार, प्रिंस राज, अमन कुमार पूरी, पवन कुमार सिंघम, संजय साहनी, नागेंद्र कुमार बहुत हीं बेहतरीन अभिनय किया| 

मंच के पीछे 
संगीत परिकल्पना - राहुल राज, प्रकाश परिकल्पना – राजीव कुमार , मंच सज्जा - सुनील कुमार, प्रकाश एवं ध्वनि नियंत्रण – मनीष कुमार, रूप सज्जा - विनय कुमार, वस्त्र विन्यास - रीना कुमारी ,प्रस्तुति समन्वय- अजीत गुज्जर, प्रस्तुति सहयोग - रणविजय सिंह/ शैलेन्द्र कुमार, विशेष सहयोग- हीरालाल राय, प्रस्तुति नियंत्रण - रोहित कुमार, मार्गदर्शन - गणेश प्रसाद सिन्हा/ अखिलेश्वर प्रसाद सिन्हा 

कहानी- ममता मेहरोत्रा, नाट्यकार- अखिलेश्वर प्रसाद सिन्हा,परिकल्पना एवं निर्देशन – सुमन कुमार 

कल 28 जुलाई 2025 को दोपहर बाद 01:00 बजे से मुशायरा और संध्या 07:00 बजे से अशोक कुमार सिन्हा की कहानी डायन का मंचन सुमन कुमार के निर्देशन में कला जागरण के कलाकार करेंगे|


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