पटना के गांधी मैदान में आज दिनांक 19 जुलाई 2025 को बैंकों का राष्ट्रीयकरण दिवस के अवसर पर लोक पंच की नुक्कड़ प्रस्तुति साइबर क्राइम पर आधारित नाटक " मैं मूर्ख नहीं हूं" का मंचन किया गया।
इस कार्यक्रम में सारे सरकारी बैंकों के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के अमरेश विक्रमादित्य ने लोगों को साइबर क्राइम के बारे में बताया और लोक पंच की प्रस्तुति की सराहना की, बैंक ऑफ़ इंडिया के गणेश पांडे ने सुबह-सुबह गांधी मैदान में आए लोगों को पौधा वितरण किया और साथियों को बैंकों का राष्ट्रीयकरण दिवस की शुभकामनाएं दी।
लोक पंच के कलाकारों ने साइबर क्राइम पर आधारित नाटक "मैं मूर्ख नहीं हूं" का मंचन किया, जिसके लेखन और निर्देशन वरिष्ठ कलाकार मनीष महिवाल ने किया।
कथासार :-
नाटक पति-पत्नी की नोक-झोंक से शुरू होता है। इस दौरान एक फोन आता है और ओटीपी माँगा जाता है, पत्नी उसे ओटीपी देने लगती है तो पति मना करता है, पर पत्नी ओटीपी दे देती है और बाद में बताती है कि मुझे मालूम है कि वह मेरे साथ फ्रॉड कर रहा था, पर मैंने उसे गलत ओटीपी दे दिया। मुझे मालूम है ओटीपी शेयर करने से नुकसान होता है, हम गांव से आए हैं इसका मतलब यह नहीं कि हम मुर्ख है।
अगले दृश्य में एक व्यक्ति अपने मित्र से बकाया पैसे मांगता है, और इसी बातचीत के दौरान पता चलता है कि मित्र का फेसबुक अकाउंट किसी ने हैक कर रखा है और वह उसके मित्रों से पैसा मांग रहा है।
ऐसी फेक और फ्रॉड साइबर क्राइम करने वाले से सावधान रहने की बात बताई जाती है। अगले दृश्य में अनजान और फ्रॉड लिंक पर क्लिक करने का क्या परिणाम होता है यह दिखाया गया है। नाटक में गायक मोहम्मद रफी के गाए हुए गीत "बार-बार के तोहरे कमईयया चोरवा ना ले जाए, जगत रहा भैया तू सोए मत जाइए" को रखा गया है जिसके माध्यम से जालसाज़ और साइबर अपराधियों से अपने धन को बचाने की बात कही जाती है। इसके अलावा और कई गीतों का नाटक में इस्तेमाल किया गया है।
नाटक के अंत में एक पात्र कहता है कि अब मुझे कोई भी साइबर अपराधी ठग नहीं सकता है क्योंकि "मैं मुर्ख नहीं हूं"।
"कलाकार"
रजनीश पांडे, अभिषेक राज, सहर्ष शुभम, सोनल कुमारी, प्रिया कुमारी, रोहित कुमार एवं मनीष महिवाल।
मंच परे,
नाल : मनोज शुक्ला
खंजरी : अरविंद कुमार
कॉस्टयूम : अजीत कुमार
प्रॉपर्टी : नीरज शुक्ला
संगीत : अभिषेक राज
प्रस्तुति नियंत्रक : राम प्रवेश
लेखक-निर्देशक : मनीष महिवाल
प्रस्तुति : लोक पंच