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मुजफ्फरपुर में बनेगा हवाई अड्डा के साथ प्रशिक्षण अकादमी भी





  • मुजफ्फरपुर में बनेगा हवाई अड्डा के साथ प्रशिक्षण अकादमी भी.                              
  • यहां भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से चहारदीवारी और रनवे निर्माण के लिए मांगी गई एनओसी.                                           
  • मुजफ्फरपुर स्थित पताही हवाई अड्डा को किया जाएगा विकसित, उड़ान योजना के तहत मिला 25 करोड़ रुपये का आवंटन.       
  • रक्सौल हवाई अड्डा के मास्टर प्लान में किया गया संशोधन, 139 एकड़ जमीन का किया जाएगा अधिग्रहण, 10 करोड़ रुपये किए गए जारी

पटना, 02 जून।

राज्य में 9 शहरों में केंद्र की उड़ान योजना के अंतर्गत हवाई अड्डों को विकसित किया जा रहा है। इसके तहत मुजफ्फरपुर के पताही में हवाई अड्डा के निर्माण की कवायद शुरू हो गई है। यहां हवाई अड्डा के साथ उड्डयन प्रशिक्षण अकादमी भी बनाने की योजना है। इस हवाई अड्डा की चहारदीवारी और रनवे निर्माण करने के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) से अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एनओसी) की मांग की गई है। इसी तरह रक्सौल में प्रस्तावित हवाई अड्डा के मास्टर प्लान में संशोधन किया गया है। इसके लिए 139 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इसकी अनुमति एएआई से मिलने के बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए पूर्वी चंपारण के डीएम को पत्र लिखा गया है।

प्रशिक्षण अकादमी के लिए 15 वर्ष के लिए एमओयू

मुजफ्फरपुर हवाई अड्डा के साथ यहां उड्डान प्रशिक्षण अकादमी को स्थापित करने के संबंध में एएआई के साथ 15 वर्ष का एक समझौता किया गया है। इसके प्रारूप के तहत ही निर्माण की प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। विधि विभाग के स्तर से इससे संबंधित अनुमति मिलने के बाद इसकी कवायदा शुरू कर दी गई है। यहां चाहरदीवारी और रनवे निर्माण कार्य जल्द पूरा कराने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही यहां के हवाई अड्डा में एक वीआईपी लॉज का निर्माण कराया जा रहा है। इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है, जल्द निर्माण शुरू होगा।

रक्सौल में 139 एकड़ भूमि का अतिरिक्त अधिग्रहण

रक्सौल में हवाई अड्डा निर्माण की कवायद भी तेज हो गई है। इसके मास्टर प्लान में थोड़ा संशोधन किया गया है। रक्सौल हवाई अड्डा के सामने से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग को मोड़ने में असमर्थता के कारण ए-320 मॉडल के हवाई जहाज के उड़ान के लिए इसे उपर्युक्त पाया गया है। इस एयरपोर्ट के लिए 139 एकड़ अतिरिक्त भूमि की जरूरत महसूस की गई है। इसे लेकर पूर्वी चंपारण के डीएम को आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। भूमि अर्जन के लिए 207 करोड़ रुपये की अनुमति प्रदान की गई है। मुआवजा वितरण के लिए जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के बैंक खाते में 10 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।