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विकसित कृषि संकल्प अभियान का भव्य समापन समारोह सम्पन्न

 




  •  विकसित कृषि संकल्प अभियान का भव्य समापन समारोह सम्पन्न
  •  शारदीय कृषि जन कल्याण चौपाल में किसानों की बड़ी भागीदारी
  •  किसानों को वैज्ञानिकों से जोड़ने की दिशा में सार्थक पहल


(दिनांक 12.06.2025)

आज दरभंगा की ऐतिहासिक भूमि पर "विकसित कृषि संकल्प अभियान (समापन समारोह) - सह - शारदीय (खरीफ) कृषि जन कल्याण चौपाल 2025" का आयोजन अत्यंत उत्साह एवं गरिमा के साथ किया गया। इस अवसर पर माननीय उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को तकनीकी जानकारी, सरकारी योजनाओं से जोड़ना तथा कृषि नवाचारों से अवगत कराना था। 

माननीय उप मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में भारत की कृषि नीति में ऐतिहासिक परिवर्तन आया है। वर्ष 2014 में कृषि बजट जहाँ 21,930 करोड़ रूपये था, वह बढ़कर आज 1,27,200 करोड़ रूपये हो गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से 9.8 करोड़ रूपये किसानों को 3.7 लाख करोड़ रूपये की राशि हस्तांतरित की गई है, जबकि न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में किसानों को 23.61 रूपये लाख करोड़ की सहायता मिली है।




किसानों की ऋण सुविधा को सशक्त करते हुए किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा 3 लाख रूपये से बढ़ाकर 5 लाख रूपये की गई है। 25 करोड़ रूपये से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित कर मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने में सहायता दी गई है। इसी प्रकार, बिहार में भी कृषि क्षेत्र में निरंतर प्रगति हुई है। वर्ष 2005 में जहाँ कृषि बजट मात्र 20 करोड़ रूपये था, वह अब बढ़कर 3,600 करोड़ रूपये तक पहुँच गया है। माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चतुर्थ कृषि रोड मैप वर्ष 2023-28 का 162268.78 करोड़ रूपये की लागत पर योजनाओं का कार्यान्वयन किया जा रहा है।

विकसित कृषि संकल्प अभियान को 29 मई से 12 जून 2025 तक राज्य के सभी जिलों में वैज्ञानिकों, कृषि विभाग, कृषि विज्ञान केंद्रों एवं विश्वविद्यालयों के सहयोग से सफलतापूर्वक संचालित किया गया। यह अभियान प्रधानमंत्री के "लैब-टु-लैंड" के मंत्र को साकार करता है, जिसमें वैज्ञानिक गाँवों में जाकर किसानों से सीधा संवाद कर रहे हैं। इस अभियान से यदि प्रति हेक्टेयर एक क्विंटल उत्पादन भी बढ़ता है, तो देशभर में 20 लाख टन अतिरिक्त उत्पादन संभव है।




माननीय मंत्री ने किसानों से आह्वान किया कि वे वैज्ञानिकों की सलाह लेकर नई तकनीकों को अपनाएं, जिससे उत्पादन में वृद्धि हो, लागत घटे और आमदनी बढ़े। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में वर्ष 2024-25 में खाद्यान्न उत्पादन 3,309 लाख टन तक पहुँचने की संभावना है, जिसमें शारदीय (खरीफ) चावल 1,206 लाख टन, गेहूँ 1,154 लाख टन और बागवानी उत्पादन 3,621 लाख टन तक पहुँचने का अनुमान है।

समारोह में दरभंगा की ऐतिहासिक विरासत को नमन करते हुए उन्होंने महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह जी को श्रद्धांजलि अर्पित की और मिथिलांचल की सांस्कृतिक महत्ता "पग-पग पोखरि माछ मखान, मधुर बोली मुख में पान" का उल्लेख कर कृषि परंपरा को सम्मानित किया।




कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान, कृषि वैज्ञानिक, अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन उत्साहवर्धक संदेशों और कृषि के उज्जवल भविष्य के संकल्प के साथ किया गया।