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बिहार विधानसभा चुनाव पर एक नजर




बिहार मे विधानसभा चुनाव दस्तक दे चुका है, संभावित उम्मीदवार जनता के बिच जा रहे है, कुछ जाने कि तैयारी मे है.. हम सभी जानते है बिहार मे दो गठबंधन NDA और INDIA पहले से है, नई पार्टी जनसुराज और आशा पार्टी बानी. आसा पार्टी का जनसुराज मे विलय हो गया. अब आप कह सकते है बिहार मे तीसरा मोर्चा जनसुराज हो गया है.

अब सवाल उठता है जनता किसे वोट करें और क्यों करे?

1- सबसे पहले सत्ता मे मौजूद NDA कि बात करें तो इसमें मुख्य भूमिका JDU और BJP कि है साथी हम पार्टी और लोजपा रामबिलास पार्टी सहयोगी भूमिका मे है. NDA नीतीश जी को मुख्यमंत्री का चेहरा रख चुनाव लड़ता आया है और आगे भी लड़ने के लिए मजबूर है, क्योंकि NDA के पास दूसरा कोई मजबूत चेहरा नहीं. सभी जानते है नितीश जी कि मानसिक संतुलन पर अक्सर सवाल उठने लगा, लेकिन नितीश जी कि जातिगत वोट को साधने के लिए तो कोई चाहिए. नितीश जी ने अपने प्रारंभिक साशन कल मे अच्छा प्रदर्सन किये. केंद्र से उन्होंने विशेष राज्य का दर्जा विहार को दिलाने के लिए आवाज़ उठाया, लेकिन माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी ने उनकी मांग नहीं मानी, क्योंकि मोदी जी को पता था कि अगर विहार को विशेष राज्य का दर्जा दे देते है बिहार का विकास हो जाता है तो क्रेडिट नितीश कुमार को मिलेगा. मोदी जी अर्थात BJP कि कोशिस यही रही कि जब बिहार मे बीजेपी कि पूर्ण सरकार बनेगी तो ही हम बिहार मे विकास करेंगे ताकि क्रेडिट बीजेपी और मोदी जी को मिले. लेकिन बिहार मे BJP का सपना साकार नहीं हुआ तो JDU को तोड़ने का प्रयास किया, नितीश जी भी पक्के खिलाडी थे JDU मे टूट कि आशंका को देख चौकन्ना हो गए.

उधर RJD के सुप्रीमो लालूजी जो बिहार ही नहीं देश कि राजनितिक के बेताज बादशाह है. मौका देख कांग्रेस से मिल नितीश जी को प्रधानमंत्री बनाने का लॉलीपॉप दिए नितीश जी इस चक्रब्यूभ मे फस गए और BJP से पलटी मार RJD के साथ सरकार बना लिए. लेकिन कुछ दिनों मे ही यह भ्रम टूट गया और नितीश जी को पता चल गया कि वे PM नहीं बन सकते और BJP को भी पता चल गया कि बिहार मे अगर सत्ता मे रहना है तो नितीश जी के साथ रहना होगा. मज़बूरी मे दोनों साथ हुए. मज़बूरी कि सरकार चलती रही. लेकिन BJP को JDU और नितीश कुमार हमेशा खटकता रहा, अब BJP के महान खिलाडी अमित शाह JDU को समाप्त करने के लिए मोदी जी के कातिथ हनुमान चिराग पासवान को JDU के खिलाफ चुनाव मे उतार JDU कि संख्या तो काम कर दिया लेकिन अपने बाल पर सरकार नहीं बना सकी. 

नितीश जी मुख्यमंत्री तो बना दिए लेकिन केंद्र से कोई विशेष सहायता नहीं कि. बिहार का विकास रुक गया आज बिहार देश का सबसे गरीब राज्य हो गया है, सबसे अधिक बेरोजगारी बिहार मे है. नितीश जी बूढ़े और कमजोर हो चुके है. बिहार कि अर्थ व्यवस्था चौपट हो गई है, बिहार कि साशन प्रशासन भ्रष्टाचार कि सभी सीमाओं को पर कर गया है. कल तक नितीश जी जो सुशासन पुरुष के नाम से जाने जाते थे आज उनके बारे मे लोग कुछ से कुछ बोल रहे है. आज जो भी नाकामी है वाह नितीश जी के नाम, सारी बदनमिया नितीश सरकार कि. अगर को चुनाव के वक़्त बिहार मे कोई अच्छा काम हो जायेगा तो वाह मोदी जी के नाम. 

बिहार को सबसे गरीब राज्य बनाने मे सामने से नितीश जी दीखता हो लेकिन उसके पीछे BJP कि सोची समझी चल है. नितीश जी कि मै ब्यक्तिगत रूप से बहुत सम्मान करता हूँ, लेकिन बिहार के दृष्टिकोण से उनसे विनम्र प्रार्थना करता हूँ कि आप अब राजनीती को अलविदा कहें. क्योंकि नितीश जी के परंभिक पांच साल बिहार के विकास का रहा बाद के कुर्सी बचाने का. 
क्रमशः 
संजीव कुमार सिंह 
प्रधान संपादक 
न्यूज़ वार 
Mo no -9771105678