मुजफ्फरपुर। बिहार की तकनीकी शिक्षा को वैश्विक मंच पर स्थापित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के तहत दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन मैकेनिकल एंड इंडस्ट्रीयल टेक्नोलॉजी का भव्य शुभारंभ शनिवार को एमआईटी मुज़फ्फरपुर में हुआ।
समारोह का उद्घाटन बिहार सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कृष्ण कुमार मंटू ने किया। उन्होंने कहा, तकनीकी नवाचार ही भारत को आत्मनिर्भर बनाएगा। सरकार तकनीकी संस्थानों को हरसंभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बिहार के युवाओं को स्टार्टअप्स की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया, इसके साथ ही उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने स्टार्टअप आइडिया के आवेदन सरकार को भेजें।ऐसे विचारों को प्राथमिकता दी जाएगी और आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
प्राचार्य प्रो. (डॉ.) एम. के. झा (एमाईटी मुज़फ्फरपुर) ने कहा, आईसीएमआईटी-2025 बिहार की तकनीकी शिक्षा को वैश्विक मंच से जोड़ने की दिशा में मील का पत्थर है। प्रो. एम. के. झा ने संस्थान की गौरवशाली उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और राज्य सरकार द्वारा तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। प्रभात कुमार सिन्हा, चेयरमैन, आईसीसी बिहार ने कहा कि इंडस्ट्री-इंस्टीट्यूट समन्वय से ही युवाओं को रोजगार मिलेगा। प्रीतम कुमार सिन्हा, सलाहकार, सेंटर ऑफ स्मार्ट गवर्नेंस, कर्नाटक सरकार ने कहा कि डिजिटल गवर्नेंस में भारत को वैश्विक मानक स्थापित करने की जरूरत है।
उन्होंने छात्रों को जमीनी विषयों पर अनुसंधान के लिए प्रेरित किया। वहीं प्रो. संदीप तिवारी (प्राचार्य,डीएसई दरभंगा) ने इस आयोजन को दोनों संस्थानों के बीच अकादमिक समन्वय को नई ऊर्जा देने वाला बताया।प्रो. संदीप तिवारी ने इस आयोजन को दोनों संस्थानों के बीच अकादमिक समन्वय को नई ऊर्जा देनेवाला बताया। एनआईटी पटना के पूर्व निदेशक प्रो.यू.सी. राय ने कहा कि संस्थागत नवाचार ही तकनीकी संस्थानों की पहचान है। प्रो. विवेकानंद सिंह, कुलपति, पूर्णिया विश्वविद्यालय ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के साथ सामाजिक जिम्मेदारी भी जरूरी है। डॉ. प्रताप सिंह काकासाहेब देसाई, अध्यक्ष, आईएसटीई, नई दिल्ली ने कहा कि तकनीक बिना नवाचार के सामाजिक पाप है। ज्ञानेंद्र शरण, निदेशक, इंफोटेक ने कहा कि एआई और ऑटोमेशन में युवाओं की भागीदारी जरूरी है।