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मधुरेश नारायण की लघुकथा संग्रह नीलकंठ का लोकार्पण




पटना, 03 मार्च। सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्था "लेख्य मंजूषा ","प्रांगण"एवं "स्पर्श प्रकाशन"के संयुक्त तत्वावधान में मधुरेश नारायण की लघुकथा संग्रह "नीलकंठ" का लोकार्पण आज जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान, पटना के सभागार में समारोहपूर्वक सम्पन्न हुआ। 




समारोह की अध्यक्षता एवं लघुकथा संग्रह "नीलकंठ" का लोकार्पण वरिष्ठ  कवि एवं साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी ने किया।अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि समाज में फैली विषमताएं,जीवन के कटु अनुभव और संघर्षों की तपिश को आत्मसात करते हुए जो सृजन की राह पर आगे बढ़ता है,वही नीलकंठ कहलाता है।मधुरेश नारायण की इस संग्रह की लघुकथाएं इसे विस्तार देती है।




बिहार संग्रहालय के अवर निदेशक अशोक कुमार सिन्हा ने मुख्य अतिथि के रूप में अपना वक्तव्य देते हुए  कहा कि मधुरेश जी की  लघुकथाएं राजनीतिक अवसरवादिता और समाज में व्याप्त  पाखंड को उजागर करती है।ये समाज को साहित्य का दर्पण दिखाती है।

इस अवसर पर डा किशोर सिन्हा, डा अनिता राकेश, डा प्रमोद कुमार, डा नरेंद्र पाठक, पूनम कोरियाई, दिव्या रश्मि, शशिन शरण, कमल नयन श्रीवास्तव, रवि श्रीवास्तव, सुनील कुमार,  इत्यादि ने भी "नीलकंठ "लघुकथा संग्रह को समाज और साहित्य के लिए उपयोगी बताया और लेखक को बधाई दी। यह राष्ट्र की नई पीढ़ी का पथ आलोकित करेगी।

श्री कमलनयन श्रीवास्तव ने कहा कि लघु कथाएं हमारे जीवन का आइना हैं। उन्होंने कहा कि मधुरेश नारायण रचनात्मक साहित्य को प्रकाशमान करने के संकल्प के साथ काम कर रहे हैं।

समारोह में आगत अतिथियों का स्वागत वरिष्ठ कवि ई-शुभ चन्द्र सिन्हा ने किया।कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ अभिनेता एवं रंगकर्मी संजय सिंह ने और धन्यवाद ज्ञापन साहित्य अकादमिक एवार्डी निलेश्वर मिश्र ने किया। आराधना प्रसाद ने सरस्वती वंदना की।