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ग्रामीण भारत महोत्सव - बिहार 2025,महान उत्सव का शुभारंभ





ग्रामीण भारत महोत्सव - बिहार 2025

नाबार्ड, बिहार क्षेत्रीय कार्यालय, पटना द्वारा प्रायोजित और अंबपाली हस्तकरघा एवं हस्तशिल्प बहुराज्यीय सहकारी समिति लिमिटेड, पटना, बिहार द्वारा आयोजित "ग्रामीण भारत महोत्सव - बिहार 2025" ग्रामीण उद्यमियों और कलाकारों को एक प्रभावी मार्केटिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करने की एक महत्वपूर्ण पहल है। इस महोत्सव में ग्रामीण क्षेत्रों के उद्यमी एवं कलाकार अपने उत्पादों को सीधे ग्राहकों तक पहुँचाकर स्वयं बिक्री कर सकते हैं। उत्कृष्ट गुणवत्ता और उचित मूल्य के कारण यह महोत्सव अत्यंत लोकप्रिय होता जा रहा है।

महान उत्सव का शुभारंभ

"ग्रामीण भारत महोत्सव - बिहार 2025" का विधिवत उद्घाटन 8 फरवरी 2025 को पटना के गांधी मैदान स्थित भव्य पंडाल में हुआ। इस अवसर पर 105 से अधिक आकर्षक स्टॉलों के साथ महोत्सव का शुभारंभ किया गया।

मुख्य अतिथि एवं उद्घाटनकर्ता:

श्री आनंद किशोर, IAS, प्रधान सचिव, वित्त विभाग, बिहार सरकार
श्री बिनय कुमार सिन्हा, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड, बिहार क्षेत्रीय कार्यालय, पटना
श्री सोहेल अहमद, अध्यक्ष, उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक (UBGB)
डॉ. आशुतोष कुमार झा, अध्यक्ष, डीबीजीबी
श्री सुधांशु शेखर दास, महाप्रबंधक, पीएनबी
श्री सुब्रत कुमार स्वाईं, महाप्रबंधक, बैंक ऑफ बड़ौदा

इन गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर इस महोत्सव की भव्य शुरुआत की गई। इस अवसर पर श्री अजय साहू, (नाबार्ड, बिहार क्षेत्रीय कार्यालय, पटना) के वरिष्ठ पदाधिकारीगण, श्रीमती अर्चना सिंह (प्रेसिडेंट), श्रीमती कलावती देवी, किरण झा (निदेशक, अंबपाली समिति) एवं समिति के अन्य सदस्य एवं कलाकार उपस्थित रहे।

महोत्सव की मुख्य विशेषताएँ

105 से अधिक स्टॉलों की प्रदर्शनी जिसमें कुटीर उद्योग, हस्तशिल्प, हस्तकरघा एवं कृषि उत्पादों की बिक्री उपलब्ध है।

बिहार के लगभग सभी जिलों से प्रतिभागी और देशभर के 16 राज्यों के उद्यमियों की भागीदारी।
प्रतिभागियों को निःशुल्क स्टॉल, आवास एवं भोजन की सुविधा, साथ ही दैनिक भत्ता, यात्रा भाड़ा एवं माल ढुलाई खर्च भी दिया जाएगा।

07 फरवरी 2025 से 16 फरवरी 2025 तक, 10 दिवसीय आयोजन।

प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन, जिसमें लोकप्रिय कलाकारों की प्रस्तुति एवं स्कूली बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होंगे। खान-पान के लिए विशेष स्टॉलों की व्यवस्था।