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भारतीय अरबपति और लुलु ग्रुप के चेयरमैन एमए युसूफ अली ने अपने कर्मचारी शिहाबुद्दीन के जनाजे की पढ़ाई नमाज, दिया जनाजे को कंधा।




भारत से लाखों लोग रोजी-रोटी की तलाश में दूसरे देशों में जाते हैं. अपने परिवार और वतन को छोड़कर एक नए देश में अपने लोगों को तलाशना अप्रवासियों की कहानी है, जो दुनिया भर में कहीं न कहीं बिखरे हुए हैं.

कई बार उन्हें दूसरे देशों में अच्छा व्यवहार मिलता है, तो कहीं यह भी नसीब नहीं होता.

लेकिन दूसरे देश में अप्रवासियों की दुनिया उनके साथ काम करने वाले साथी ही होते हैं. सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जिससे कहा जा सकता है कि इंसानियत के दायरे में न धर्म होता है, न अमीरी-गरीबी, न देश और न ही सरहदें. इंसान को जोड़ती है सिर्फ इंसानियत, चाहे वह परदेस में ही क्यों न हो.


सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है. अबू धाबी के अल वहदा मॉल के लुलु हाइपरमार्केट में सुपरवाइजर थे शिहाबुद्दीन. भारत के केरल के तिरुर कनमनम से ताल्लुक रखते थे. अचानक हार्ट अटैक से निधन हो गया था.


अब शिहाबुद्दीन के जनाजे का वीडियो वायरल हो रहा है. जहां भारतीय अरबपति और लुलु ग्रुप के चेयरमैन एमए युसूफ अली ने अपने कर्मचारी शिहाबुद्दीन के जनाजे को कंधा देते नजर आए. साथ शिहाबुद्दीन के जनाजे की नमाज को पढ़ाते हुए भी देखा गया.

'यही तो इंसानियत है'

जैसे ही वीडियो इंटरनेट पर आया, यह वायरल हो गया और इसकी खूब तारीफ हो रही है. सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा कि हर बॉस ऐसा होना चाहिए, सलाम. वहीं, एक अन्य ने कमेंट करते हुए लिखा कि एक इंसान की मौत हुई और उसकी अंतिम प्रार्थना में देश के सबसे बड़े अरबपति और कंपनी के मालिक शामिल हुए, यही तो इंसानियत है.

पहले भी दिखा चुके हैं दरियादिली

यह पहली बार नहीं है जब युसूफ अली ने अपनी दरियादिली से लोगों का दिल जीता हो। कुछ समय पहले उन्होंने केरल की एक महिला को घर वापस दिलाने में मदद की थी, जिसे कर्ज़ न चुकाने के चलते बेघर कर दिया गया था.