जयपुर मंडल के कनकपुरा-धानक्या रेलवे स्टेशनों के बीच एक एसयूवी गाड़ी के ड्राइवर ने जानबूझकर अपनी गाड़ी को रेलवे ट्रैक पर चढ़ा दिया और अनाधिकृत रूप से पटरी को पार करने की कोशिश की। एसयूवी रेलवे ट्रैक के बीच फंस गई । इस दौरान एक मालगाड़ी आ रही थी जिसके लोको पायलट ने देखा कि एक एसयूवी रेलवे ट्रैक पर फंसी हुई ह तो मालगाड़ी के चालक ने सतर्कता दिखाते हुए मालगाड़ी को निश्चित दूरी पर रोक लिया और वॉकी-टॉकी के माध्यम से संबंधित रेल कर्मचारियो को सूचना दी।
सूचना मिलते ही रेलवे सुरक्षा बल के जवान मौक़े पर पहुँचे तो एसयूवी का ड्राइवर गाड़ी को जैसे-तैसे रेलवे ट्रैक से निकाल कर भागने लगा। रेलवे सुरक्षा बल के जवानों ने गाड़ी का पीछा किया। लगभग 4 किलोमीटर तक गाड़ी को भगा ले जाने के बाद ड्राइवर ने गाड़ी को छोड़ दिया और पैदल ही भाग गया।
इस संबंध में रेलवे सुरक्षा बल द्वारा रेल अधिनियम की धारा 153, 174, 147 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर गाड़ी ज़ब्त कर ली एवं आरोपी की पहचान कर ली गई है तथा नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जा रही है। रेल अधिनियम की धारा 153 के तहत 5 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। धारा 147 व 174 के अन्तर्गत सजा व जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है।
सभी सड़क उपयोगकर्ताओं से अपील है कि वह निर्धारित मार्ग से ही रेलवे ट्रैक को पार करें। गैरकानूनी रूप से व अनाधिकृत स्थानों से रेलवे ट्रैक को पार करना अथवा किसी भी प्रकार का स्टंट करना रेलवे अधिनियम के तहत दण्डनीय अपराध है, जिसके अंतर्गत सजा या जुर्माना अथवा दोनों हो सकता है। इसके साथ ही गैर कानूनी रूप से रेलवे ट्रैक को पार करना जानलेवा भी हो सकता है, यह जानबूझकर अपनी जान जोखिम में डालना है।
रेलवे ट्रैक पर मोबाइल फ़ोन अथवा कैमरा से रील बनाना भी क़ानूनन अपराध है इस प्रकार के मामलों में रेलवे द्वारा सख़्त कार्रवाई की जाती हैं।
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