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रंग जलसा 2024 में लोक पंच की प्रस्तुति नाट्य शिक्षक की बहाली



आज दिनांक 17 सितंबर 2024 को प्रेमचंद रंगशाला में नाट्य शिक्षक की बहाली का मंचन हुआ।

"कथासार"

मनीष महिवाल लिखित नाटक "नाट्य शिक्षक की बहाली" वस्तुतः रंगकर्मियों के जीवन के संघर्ष, उनकी कलात्मकता और उनके प्रति हो रहे उपेक्षित व्यवहार को दिखाता है। एक रंगकर्मी को कला की बाकी विधाओ यथाः गायन, वादन, चित्रकारी, मूर्तिकला आदि से कम सम्मान मिलता है या यूँ कहे कि सम्मान मिलता ही नहीं। जब मंच पर उसका अभिनय अच्छा होता है, तो लोग तालियाँ बजाकर उत्साहवर्द्धन करते तो हैं, पर घर पर उसे माता- पिता, दोस्त यार और परिचितों के तानें सुनने पड़ते हैं- "कुछ काम क्यों नहीं करते ? नाटक नौटंकी में क्या रखा है? क्यों नाच-गान में जीवन गँवा रहे हो? कुछ काम करो, जिससे पैसे आए। ऐसा ही रहा, तो कहीं के नहीं रहोगे। माँ बाप घर से निकाल बाहर करेंगे और कोई लड़की भी नहीं मिलेगी शादी के लिए।"




जबकि एक रंगकर्मी अशिक्षित नहीं होता, बल्कि उसे आम जनता से अधिक शिक्षित, अधिक सजग बनना पड़ता है, पर यह कितनी बड़ी विडम्बना है कि उनके लिए रोज़गार के साधन ना के बराबर है। विद्यालयों में संगीत तथा नृत्य शिक्षक तो होते हैं, पर नाट्य शिक्षक नहीं होते, क्योंकि यह अनिवार्य नियम नहीं है। 




इस नाटक के माध्यम से यह अपील की गई है कि हम उपेक्षित कलाकारों पर सरकार ध्यान दे, उन्हें रोज़‌गार के अवसर दे, बंद पड़े अनुदानों को शुरू किया जाए और विद्यालयों में नाट्य शिक्षक की बहाली हो, ताकि सरस्वती की ये संतानें अपना जीवन यापन कर सके और प्रसन्न होकर समाज के उत्थान में अपना योगदान दे सके।




कलाकार : मनीष महिवाल,रजनीश पांडे, दीपा दीक्षित, सोनम कुमारी, प्रियंका सिंह, अरविंद कुमार, अभिषेक राज, राम प्रवेश, सत्यम, अजीत कुमार, रोहित कुमार एवं डॉ विवेक ओझा।
लेखक एवं निर्देशक : मनीष महिवाल