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भारत के विनिर्माण विकास पर माननीय रेल मंत्री की वार्ता





दिनांक 7.12.2023

माननीय केंद्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव की बातचीत के बिंदु


माननीय केंद्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज (7.12.2023) एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कैसे भारत में विनिर्माण क्षेत्र के विकास ने भारत की निर्यात टोकरी को बदल दिया है। माननीय प्रधान मंत्री की अग्रणी मेक इन इंडिया अवधारणा ने भारत को प्राथमिक-वस्तुओं के निर्यातक से मोबाइल फोन और उच्च परिशुद्धता वाले उपकरणों सहित तैयार-उत्पादों के निर्यातक में बदलना संभव बना दिया है। यह किसी देश के आर्थिक विकास का प्रतीक है जिसमें यह स्पष्ट रूप से भारत की सीमांत अर्थव्यवस्था से विकसित अर्थव्यवस्था में परिवर्तन का संकेत देता है।

 देश की अर्थव्यवस्था में एक बड़ा बदलाव आया है, जिसे आपके साथ साझा करना ज़रूरी था।

 आजादी के बाद पिछले 40-50 सालों से देश में मैन्युफैक्चरिंग लगातार या तो नीचे थी या संकट में थी।

 हम अब ऐसी स्थिति में पहुंच गए हैं जब हम जल्द ही 1 ट्रिलियन डॉलर के निर्यात के लिए तैयार हैं और इसके पीछे का आधार मैन्युफैक्चरिंग है।

 आज हमारा निर्यात 762 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।
• 453 बिलियन-डॉलर-वस्तुओं का निर्यात
• 309 अरब डॉलर - सेवाओं का निर्यात

 देश में औपचारिक रोज़गार की तुलना में अनौपचारिक रोज़गार कम से कम 2 गुना है।
 औपचारिक रोजगार जो पहले लगभग 6 लाख प्रति माह (लगभग 70 लाख प्रति वर्ष) हुआ करता था, आज औसतन 14-15 लाख प्रति माह (लगभग 1 करोड़ 80 लाख प्रति वर्ष) पर आ गया है।

 अगर 10-12-15 साल पहले की स्थिति की बात करें तो सबसे ज्यादा निर्यात पेट्रोलियम का होता, बाद में नाम चावल का आता। इस तरह चार-पांच नाम सामने आते थे।

 पिछले साल मोबाइल फोन का निर्यात 11 अरब डॉलर (करीब 90,000 करोड़ रुपये) था। जहां इस साल मोबाइल फोन की मैन्युफैक्चरिंग करीब 50 अरब डॉलर (करीब 4,00,000 करोड़ रुपये) होने वाली है। निर्यात 15 अरब डॉलर (1,25,000 करोड़ रुपये) से अधिक होगा।

 पहले खिलौने केवल आयात किये जाते थे। आज खिलौनों का निर्यात 4,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

 यदि हम 2022-23 के निर्यात डेटा का अध्ययन करें, तो हमें निम्नलिखित मिलेगा।
• पेट्रोलियम - 97 बिलियन डॉलर
• फार्मास्यूटिकल्स - 19 बिलियन डॉलर
• दूरसंचार उपकरण - 12 बिलियन डॉलर
• विद्युत मशीनरी - 11 बिलियन डॉलर
• एल्युमीनियम - 8 बिलियन डॉलर
• मोटर वाहन - 8.7 बिलियन डॉलर
• इलेक्ट्रॉनिक घटक - 4 बिलियन डॉलर
• लोहा और इस्पात - 13 अरब डॉलर

 टीडीके जो जापान की बहुत अच्छी कंपनी है, उसने घोषणा की है कि वह भारत में मोबाइल फोन की बैटरी बनाएगी। आज के समय में मोबाइल फोन के लिए जिस केसिंग का निर्माण किया जा रहा है उसका निर्माण टाटा द्वारा किया जाता है और इसका निर्माण बहुत ही सटीक तरीके से किया जाता है।




  एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, माननीय केंद्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मोबाइल विनिर्माण में, भारत इस दुनिया में शीर्ष दो देशों में से एक है। भारत में निर्मित मोबाइल फोन यूरोपीय देशों सहित दुनिया के 25 से अधिक देशों में निर्यात किये जा रहे हैं। भारत में निर्मित एप्पल फोन विभिन्न देशों में निर्यात भी किये गये हैं। उन्होंने कहा कि मोबाइल निर्यात के क्षेत्र में भारत दुनिया के शीर्ष तीन देशों में शामिल है।