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फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में जिले को बड़ी कामयाबी, एमडीए अभियान टला



  • फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में जिले को बड़ी कामयाबी, एमडीए अभियान टला 
  • फाइलेरिया मरीजों की खोज को लेकर होकर जिले में प्री ट्रांस एसेंसमेंट सर्वे 
  • स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक में डेंगू पर प्रभावी नियंत्रित संबंधी उपायों पर चर्चा 

अररिया, 14 जुलाई । 

SON OF SIMANCHAL GYAN MISHRA 

 फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में जिले को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। लिहाजा जिले में आगामी 10 अगस्त से संचालित सर्वजन दवा सेवन कार्याक्रम फिलहाल टल चुका है। दरअसल जिले में हाल ही में संपन्न नाइट ब्लड सर्वे के दौरान निर्धारित किसी साइट पर एक फीसदी मरीज नहीं मिले। लिहाजा अररिया फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर प्री ट्रांस एसेसमेंट सर्वे फेज में जा पहुंचा है। गया जिले के बाद ये उपलब्धि हासिल करने वाला अररिया राज्य का दूसरा जिला है। जिला स्वास्थ्य समिति सभागार में शुक्रवार को आयोजित स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक में ये जानकारी देते हुए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि प्री ट्रांस एसेसमेंट सर्वे के दौरान फाइलेरिया मरीजों के खोज की प्रक्रिया फिलहाल जारी रहेगा। इसके साथ ही विभिन्न पीएचसी में संचालित फाइलेरिया क्लिनिक का संचालन भी पूर्ववत जारी रहेगा। हाइड्रोसिल के ऑपरेशन, एमएमडीपी किट का वितरण संबंधी मरीजों को मिलने वाली तमाम सुविधा भी जारी रहेगा। बैठक में सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र चंद्र सिंह, डीपीएम संतोष कुमार, वीडीसीओ ललन कुमार सहित सभी एमओआईसी व अस्पताल प्रबंधक मौजूद थे।

स्वास्थ्य विभाग के लिये ये बड़ी कामयाबी 

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि कालाजार की तरह अब अररिया फाइलेरिया से मुक्त होने की कगार पर जा पहुंचा है। स्वास्थ्य विभाग के साथ जिलावासियों के लिये ये बड़ी उपलब्धि है। इससे हर साल सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम को लेकर सरकार द्वारा खर्च किये जाने वाले करो़डों के राशि की बचत होगी। 




लेकर प्री ट्रांस एसेसमेंट सर्वे फेज में फाइलेरिया मरीजों को खोज को लेकर एनबीएस की प्रक्रिया जिले में फिलहाल जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि एमडीएम अभियान टलने के बाद विभाग को पूरा ध्यान जिले में डेंगू नियंत्रण संबंधी उपायों की मजबूती पर टिका है। 

डेंगू नियंत्रण को लेकर अस्पतालों में बनेंगे विशेष वार्ड 

डीवीबीडीसीओ डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा कि सितंबर से नवंबर माह के बीच का समय डेंगू के प्रसार को लेकर बेहद संवेदनशील होता है। डेंगू के मामले में पांच से कम दिनों तक बुखार वाले मरीजों का एनएस-1 एलिजा टेस्ट किया जाना है। इससे अधिक दिनों तक बुखार होने पर मरीजों की जांच के लिये आईजीएम एलिजा टेस्ट से किया जाना है। फिलहाल सदर अस्पताल में एनएस-1 एलिजा टेस्ट का इंतजाम उपलब्ध है। जल्द ही फारबिसगंज अनुमंडल अस्पताल में ये सुविधा उपलब्ध होगा। डेंगू पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर सदर अस्पताल व अनुमंडल अस्पताल फारबिसगंज में 10 बेड क्षमता वाले डेडिकेटेड वार्ड व सभी पीएचसी में 5 से 6 बेड क्षमता वाले विशेष वार्ड के निर्माण किया जाना है। प्रभावित इलाकों में तत्काल फोगिंग सुनिश्चित कराने व इसके लिये रोगी कल्याण समिति मद में उपलब्ध राशि से फोगिंग मशीन की खरीदारी की बात उन्होंने कही। 

बाढ़ग्रस्त इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच करायें सुनिश्चित 

सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने फाइलेरिया उन्मूलन की दिशा में जिले को प्राप्त इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि संक्रमण के छठे से सातवें दिन डेंगू बेहद खतरनाक अवस्था में होता है। ओपीडी में बुखार संबंधी शिकायत को लेकर आने वाले मरीजों पर विशेष नजर रखा जाना जरूरी है। डेंगू के संवेदनशील मामलों में मरीजों को तत्काल इलाज के लिये हायर सेंटर रेफर करने का निर्देश उन्होंने दिया। साथ ही उन्होंने टेलीमेडिसिन सेवाओं के प्रभावी क्रियान्वयन व बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित कराने को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये।