पटना के कालिदास रंगालय में हिंदी बाल साहित्य शोध संस्थान, दरभंगा का छठा स्थापना दिवस समारोह 2023 आयोजित हुआ जिसमें मुज़फ़्फ़रपुर शहर के बाल कवि अनुभव राज को 'डॉ0 ब्रजनन्दन वर्मा शिखर बाल साहित्य सम्मान 2023 से सम्मानित किया गया। सम्मान में शॉल और मोमेंटो प्रदान किया गया। यह सम्मान वरिष्ठ बाल साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी, डॉ0 शारदाचरण, कार्यक्रम संयोजक श्रीमती पूनम सिन्हा श्रेयसी एवं संस्था के निदेशक डॉ0 सतीश चंद्र भगत द्वारा संयुक्त रूप से प्रदान किया गया।
अनुभव को यह सम्मान उसके पहले बाल काव्य संग्रह 'चिड़ियों का स्कूल' के लिए दिया गया। यह पुस्तक अभिधा प्रकाशन से वर्ष 2022 में आई है और तब से ही यह बच्चे एवं बड़ों के बीच काफी लोकप्रिय है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भगवती प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि बाल साहित्य वही लोकप्रिय होता है जो सरल हो, सही अर्थों में मज़ेदार हो, खेल खेल में मूल्यपरक संदेश दे जाए, रोचक हो और उपदेशपरक न हो जो कि इस पुस्तक में है।
अनुभव इसके पहले भी श्री हिंदी पुस्तकालय समिति, डीग, राजस्थान द्वारा 'श्री ग्यासिराम गोयल हिंदी बाल साहित्य सम्मान 2021' ,चित्रगुप्त सामाजिक संस्थान द्वारा 'चित्रगुप्त उभरती प्रतिभा सम्मान 2021' आदि से सम्मानित हो चुके हैं। उनकी कई रचनाएँ नेशनल बुक ट्रस्ट, सेतु, अनन्तिम, बाल किरण, हस्ताक्षर, नटखट चीनू, अभिनव बालमन आदि पत्र पत्रिकाओं में एवं कई साझा संग्रहों जैसे सा रे ग म प, शतरंग एवं बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग से प्रकाशित होने वाली पत्रिका 'नया प्रस्थान' में भी प्रकाशित हो चुकी हैं।
अनुभव राज माड़ीपुर निवासी हैं और आज़ाद कॉलोनी में रहते हैं। वह सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित हैं किंतु उनमें हौसलों की कोई कमी नहीं है। अभी वह 18 वर्ष के हैं और मैट्रिक और इंटर प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण कर डीएलएड की पढ़ाई कर रहे हैं। उनकी माता का नाम डॉ० आरती कुमारी और पिता श्री माधवेन्द्र प्रसाद हैं। उनकी अभिरुचि संगीत, पेंटिंग, पर्यटन, कविताएँ एवं व्लोगिंग में है।
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