अभिनेता, निर्देशक और नाट्य प्रबंधक के रूप में मशहूर अभय सिन्हा पूर्णकालिक संस्कृतिकर्मी हैं। बिना किसी औपचारिक प्रशिक्षण के नाट्य - गुरुओं के सानिध्य में व्यवहारिक रंगकर्म का जो ककहरा उन्होंने सीखा, उसी पाथेय की पूँजी के बल पर निरंतर 35-36 वर्षों से गतिविधियों में संलग्न हैं। अपनी नाट्य प्रस्तुतियों के साथ देश भर के प्रतिष्ठित महोत्सवों / समारोहों में शिरकत कर चुके अभय सिन्हा ने कई देशों की रंगयात्राएँ भी की हैं। अनेक नाट्य महोत्सवों और नाट्य कार्यशालाओं के संयोजक रह चुके अभय सिन्हा राज्यस्तरीय और कई राष्ट्रीय महोत्सवों में पर्यवेक्षक और निर्णायक की भी भूमिका का निर्वहन कर चुके हैं। लगभग चार दर्जन नाटकों के लगभग 400 प्रदर्शन उनके निर्देशन में हो चुके हैं।
कथासार :
बटोही, एक नाई से लेकर जननायक हो जाने की भिखारी ठाकुर की लम्बी रचनात्मक यात्रा का आख्यान है। निम्न जाति का होने के कारण उनके साथ किए गए दुर्व्यवहार के अतिरिक्त उनकी पत्नी और बच्चे की असामयिक मृत्यु, युवा भिखारी ठाकुर के लिए असहनीय सिद्ध होती है। वे अपने पैतृक गाँव कुतुबपुर को छोड़ कर फतेहपुर में बस जाते हैं।
बाद में वे मंतुरनी से विवाह करते हैं। अपने पुत्र और पुत्री के जन्म के बाद दम्पत्ति वापस अपने पुश्तैनी गाँव लौटते हैं। उनकी वापसी के बाद शीघ्र ही गाँव भयंकर सूखे की चपेट में आ जाता है। अपने परिवार को वहीं छोड़कर वे खड़गपुर आ जाते हैं, और अंततः कलकत्ता पहुँचते हैं। एक बार कलकत्ता से लौट आने के बाद वे रामलीलाओं का आयोजन शुरू करते हैं, और बाद में ग्रामीण समुदाय की संवेदना को जगाने वाले विषयों और कथानकों को उठाते हुए, अपने स्वयं के समूह 'नाच पार्टी की स्थापना करते हैं। अपने नाटकों से वे तुरन्त ही विख्यात और लोकप्रिय हो जाते हैं, और अपने जीवनकाल में ही वे एक किंवदंती बन जाते हैं।
कलाकार ( मंच पर )
रामानंद सिंह - राजेश पाण्डेय, भिखारी ठाकुर : नीलेश्वर मिश्र, दलसिंगार ठाकुर : अनिल वर्मा शिवकली डॉ अंजू चंद्रा बहोर ठाकुर : अतिश कुमार, मनतुस्नी : सोमा चक्रवर्ती, मिसिर जी, मुखलाल : अमिताभ रंजन, बाबूलाल संजय सिंह, जगदेव, स्वरूप : आशुतोष कुमार, जगधारी, रामदेव बिंद, गोरख, जूठन, ओमप्रकाश, बंगाली, युवा, छबोला : अतीश कुमार, भगवान साह, सोमारू, पारस चौधरी: अरविंद कुमार, कमला बबुनी : अर्पिता घोष, तिवारी बहू : शिखा कुमारी, मोती बहू : मोनी ठाकुर, बुचिया : प्रीति कुमारी, बुचिया के पिता : रतन कुमार, बुचिया का माई, बूधन संजय कुमार अराध्या छोटी बेटी
नेपथ्यकर्मी – रूप सजा: संजय कुमार, वस्त्र विन्यास सोमा चक्रवर्ती, अभय सिन्हा वस्त्र एवं नाट्य सामग्री प्रभारी रतन कुमार, अमिताभ रंजन, अतीश कुमार ।
हरगोनियन एवं गुख्य गायक रामकृष्ण सिंह, बांसुरी समीर कुमार, ढोलक दिनेश कुमार, गायिका शिखा कुगारी, मोनी कुमारी, अर्पिता घोष, निर्देशन राहयोग : सोमा चक्रवर्ती, संजय सिंह, मंच परिकल्पना : उमेश शर्मा, सहयोग मंच राज्जा, सुनील कुमार शर्मा, प्रकाश परिकल्पना- रौशन कुमार, संगीत परिकल्पना : नीलेश्वर मिश्रा, संगीत निर्देशक : रामकृष्ण सिंह ।
लेखक: हृषिकेश सुलभ
परिकल्पना एवं निर्देशन : अभय सिन्हा