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विश्व एनटीडी दिवस पर हुआ जागरूकता संबंधी गतिविधियों का आयोजन




  • विश्व एनटीडी दिवस पर हुआ जागरूकता संबंधी गतिविधियों का आयोजन
  • फाइलेरिया उन्मूलन के लिये सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम की सफलता जरूरी
  • जनप्रतिनिधि व आम लोगों के सक्रिय सहयोग से फाइलेरिया पर पूर्ण नियंत्रण संभव

अररिया, 30 जनवरी ।

SON OF SIMANCHAL GYAN MISHRA

विश्व उपेक्षित उष्णकटिबंधीधिय रोग दिवस के मौके पर जिले में जगह-जगह जागरूकता संबंधी गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस मौके पर फारबिसगंज के सैफगंज स्थित एक शिक्षण संस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान स्कूली बच्चों के साथ-साथ स्थानीय ग्रामीणों को एनटीडी रोगों के बारे में समुचित जानकारी दी गयी तथा देते उपलब्ध कराते हुए इससे बचाव संबंधी उपायों के प्रति लोगों को जागरूक किया गया। जागरूकता कार्यक्रम का उद्घाटन जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह ने किया। व इस मौके पर पीएचसी फारबिसगंज के स्वास्थ्य प्रबंधक सईदुर्रजमा सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे।

नियमित दवा सेवन से फाइलेरिया से बचाव संभव

कार्यक्रम में डीवीबीडीसीओ डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा कि एनटीडी रोगों में शामिल फाइलेरिया से बिहार का हर एक जिला प्रभावित है। इसे स जड़ से खत्म करने के लिये हर साल सरकार द्वारा सर्वजन दवा सेवन कार्यर्याक्रम संचालित किया जाता है। 




फाइलेरिया से बचाव के लिए का लगातार पांच सालों तक दवा का सेवन जरूरी है। बावजूद इसके जागरूकता के अभाव में लोग दवा खाने से परहेज करते हैं। इससे रोग के प्रसार को बढ़ावा मिलता है। डेमोंस्ट्रेशन के जरिये रोग के विभिन्न पहलुलूओं से लोगों को अवगत कराया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2027 तक देश को फाइलेरिया मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित है तथा इस दिशा में कारगर पहल की जा रही है।

अभियान की सफलता में जनप्रतिनिधि करें सहयोग

डीवीबीडीसीओ डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि फाइलेरिया की जांच नाइट ब्लड सर्वे के माध्यम से होती ता है। जांच रात में ही संभव है। लेकिन जांच टीम के गांव पहुंचने पर लोग जांच के लिये अपना ब्लड देना नहीं चाहते। उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से अनुरोध करते हुए जांच अभियान में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाने की अपील की। उन्होंने कहा कि जांच से ही संबंधित गांव में रोग के प्रभावशीलता का पता लगाया जा सकता है। ताकि इसका उचित प्रबंधन व निदान संबंधी उपाय तलाशा जा सके। इस क्रम में स्कूली बच्चों के साथ विभिन्न सवाल जवाब के माध्यम से उन्हें रोग के विभिन्न पहलुलूओं से अवगत कराया गया।

अपंगता का कारण बन सकता है रोग की अनदेखी

बीएचएम सईदुर्रजमा ने कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर संक्रा मक बीमारी है। यह जो संक्रमित लोगों को आर्थिक व सामाजिक रूप से कमजोर करता है। रोग की अनदेखी स्थायी विकलांगता का कारण बन सकती ता है। इसलिये नियमित दवा सेवन के साथ-साथ रोग प्रभावित अंगों के समुचित देखरेख की जरूरत होती है। कालाजार व फाइलेरिया मरीजों का नेटवर्क व पेशेंट सपोर्ट ग्रुप संक्रमित मरीजों तक जरूरी चिकित्सकीय सेवा व परामर्श उपलब्ध कराने की दिशा में कारगर साबित हो रहा है। 



इस विशेष पहल से मरीजों तक सरकारी सुविधा की पहुंच आसान हुई है। साथ ही प्रभावित अंगों की साफ-सफाई व व्यायाम की समुचित जानकारी मरीजों के लिये लाभप्रद साबित हो रहा है। कार्यक्रम में बीसीएम प्रभाष प्रशांत, बीइइ पंकज कुमार, सीफार के खुशबू सिंह, प्रफ्फुल कुमार, आरबीएसके के डॉ जीके सिंह, डॉ संगीता कुमारी, फार्मेसिस्ट अजय कुमार, नरेश कुमार, सीएचओ रूचि कुमारी, नेत्र सहायक राजकुमार सहित अन्य उपस्थित मौजूद थे।