- जिले में सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने के लिये संचालित हुआ विशेष अभियान
- सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में गर्भवती महिलाओं की हुई नि:शुल्क जांच
- प्रसव संबंधी जटिलताओं के निदान के लिये प्रसव पूर्व जांच जरूरी
अररिया, 09 जनवरी।
SON OF SIMANCHAL GYAN MISHRA
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत गर्भवती महिलाओं के व्यापक व गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व देखभाल संबंधी सेवा सुनिश्चित कराने के उद्देश्य सोमवार को जिले में विशेष अभियान संचालित किया गया। इसे लेकर जिले के सभी चिकित्सा संस्थानों में विशेष शिविर आयोजित किया गया। इसमें बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाओं की समुचित जांच के उपरांत जरूरी चिकित्सकीय परामर्श व दवा नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया. अभियान की सफलता को लेकर संबंधित क्षेत्र की आशा व एएनएम द्वारा स्थानीय गर्भवती महिलाओं को चिह्नित किया गया था.
प्रसव पूर्व चार जांच जरूरी
जिले में मातृ मृत्यु दर के मामलों में कमी लाने को लेकर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। इसे लेकर सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में अवस्थित चिकित्सा संस्थानों को प्रसव संबंधी सेवाओं से लैस किया गया है. फिलहाल 62 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर प्रसव संबंधी सेवा उपलब्ध है. इसकी संख्या बढ़ाने को लेकर निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं.
गर्भवती महिलाओं के प्रसव पूर्व चार जांच सुनिश्चित कराने को लेकर विशेष पहल की जा रही है। इसमें प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम बेहद प्रभावी व महत्वपूर्ण साबित हो रहा है.
जांच से कम होती है गर्भावस्था संबंधी जटिलताएं
एसीएमओ डॉ राजेश कुमार ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान प्रसव पूर्व कम से कम चार जांच जरूरी है। इससे मां व बच्चे के स्वास्थ्य की समुचित जानकारी मिलती है। यह जांच गर्भावस्था के दौरान होने वाली जोखिमों को कम करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। इसलिये गर्भधारण करने के बाद माताओं को नियमित अंतराल पर अपने नजदीकी अस्पताल में नियमित स्वास्थ्य जांच करानी चाहिये.
जांच से आसान होता है संबंधित रोगों का प्रबंधन
डीएमएनई पंकज कुमार झा ने बताया कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की शुरुआती पहचान के लिये प्रसव पूर्व जांच जरूरी है। गर्भावस्था के जटिल मामले एनीमिया, प्रीक्लेम्पसिया, यौन संचारित रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह सहित अन्य रोगों का इससे उचित प्रबंधन संभव होता है। इससे जन्म के समय कम वजन, समय से पहले प्रसव, सहज गर्भपात, प्रसव के दौरान होने वाली मौत के मामलों में काफी हद तक कमी लायी जा सकती है। अभियान के क्रम में 4000 से अधिक महिलाओं की जांच व 400 से अधिक जटिल प्रसव संबंधी मामलों को चिह्नित किये जाने की जानकारी उन्होंने दी।