पालीगंज संवाददाता- नितीश कुमार
लद्दाख में शहीद हुए रामानुज कुमार का पार्थिव शरीर रविवार की शाम सेना के वाहन से पालीगंज के परियों गाँव पहुंचाया गया। इस दौरान युवाओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। जैसे ही शहीद रामानुज का शव उनके घर पहुंचा उनके परिवारजन अपने आंसू रोक न सकें। यह मंजर देख हर किसी की आंखें नम हो गईं,बाइक पर सवार युवा तिरंगे के साथ जब तक सूरज चांद रहेगा, शहीदों तेरा नाम रहेगा, दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए आदि नारों के साथ आगे आगे चल रहे थे,सड़क के दोनों ओर लोगों की लंबी कतारें थीं। महिलाएं छतों से पार्थिव शरीर देखने के लिए खड़ी थीं। रविवार को ही शहीद जवान का अंतिम संस्कार पालीगंज प्रखंड क्षेत्र के चंढोस मठीया स्थित पुनपुन नदी घाट पर किया गया. इस दौरान वहां पाटलिपुत्र सांसद रामकृपाल यादव , स्थानीय विधायक संदीप सौरभ, के अलावा सेना के जवान भी मौजूद रहे. अंतिम संस्कार के दौरान रामानुज कुमार अमर रहे और भारत माता की जयकारे से पूरा इलाका गूंज उठा, जनकारी के अनुसार शुक्रवार को रात लद्दाख से सेना का वायुयान शहीद का पार्थिव देह लेकर पटना रवाना हो गया था।
जानकारी के अनुसार लद्दाख में 27 मई को शाम 26 सैनिक से भरी बस श्योक नदी में गिर गई थी जीसमे 7 जवान वलिदान हो गए थे, हादसे में पटना जिले के पालीगंज प्रखंड क्षेत्र के परियों गांव निवासी ललन यादव के पुत्र 23 वर्षीय रामानुज यादव भी शामिल थे, जनकारी के अनुसार पिछले माह बहन के शादी के लिए छुट्टी लेकर धर आए थे, समारोह में शामिल होने के बाद 26 अप्रेल को वापस डयूटी पर लद्दाख चले गए थे, भारतीय सेना में नायक क्लर्क के पद पर रामानुज का वर्ष 2016 में महाराष्ट्र मराठा रेजिमेंट में चयन हुआ था, ग्रामीणों के मुताबिक ललन यादव के तीन पुत्र में सबसे छोटे रामानुज कुमार थे, बड़े भाई प्राईवेट कंपनी एवं मंझले भाई भारतीय रेलवे में काम करते हैं।