न्यूज़ डेस्क। हाल ही के दिनों में सोशल मीडिया के माध्यम से पटना के गायघाट स्थित शेल्टर होम में रहने वाली एक लड़की ने यहां की सुपरिटेंडेंट वंदना गुप्ता के ऊपर कई तरह के संगीन आरोप लगाए थे। अपने इस ढाई मिनट के वीडियो में युवती ने बालिका गृह में बच्चियों का किस तरह यौन शोषण हो रहा है इस बात को उजागर कर सभी को हैरत में डाल दिया है।
पटना हाईकोर्ट ने ने स्वत: संज्ञान लेते हुए गंभीर सवाल उठाए :
पूरे मामले में अभी तक एफआईआर दर्ज न होने बावजूद पटना हाईकोर्ट ने ने स्वत: संज्ञान लेते हुए गंभीर सवाल उठाए हैं। पटना हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर समाज कल्याण विभाग के डायरेक्टर को सिर्फ सीसीटीवी कैमरे देखकर ही लड़की के आरोपों को नकारने पर फटकार लगायी है। साथ ही इस मामले में संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है।समिति ने 31 जनवरी, 2022 के एक समाचार पत्र की रिपोर्ट पर के आधार पर उत्तर रक्षा गृह, गाय घाट, पटना में आये सेक्स कांड को गंभीरता से लिया है।
इसको मामले को लेकर दिल्ली निर्भया केस की वकील सीमा कुशवाहा भी पीड़ित पक्ष की ओर से खड़ी हो गई हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीमा कुशवाहा ने बताया रिमांड होम की अधीक्षक वंदना गुप्ता पर केवल एक पीड़िता नहीं आरोप लगा रही, बल्कि और भी कई बच्चियां हैं जो अपनी पीड़ा बता रही है। मामला इतना संवेदनशील होने के बावजूद एफआईआर तक नहीं हो पा रहा है, उल्टा आरोपी के चरित्र पर ही आरोप लगाया जा रहा है। सीमा कुशवाहा ने भी वंदना गुप्ता को बर्खास्त करने की मांग बिहार सरकार से की है।
क्या है आरोप :
लड़की के मुताबिक यहां शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों का शारीरिक-मानसिक शोषण किया जाता है, नशे का इंजेक्शन देकर बच्चों को गंदा काम करने पर मजबूर किया जाता है साथ ही जिस्मफरोशी के लिए भी शेल्टर होम से उन्हें बाहर भी भेजा जाता है। इन सभी में शेल्टर होम अधीक्षक वंदना गुप्ता पर आरोप लगाया गया है। लड़की के अनुसार वंदना गुप्ता कहती है "यहां आती हो पुलिस की मर्जी से लेकिन जाओगी वंदना गुप्ता की मर्जी से"। इनकी बात नही मानने पर मार पीट के साथ कई दिनों तक खाना तक नहीं दिया जाता, कुल मिलाकर नर्क से भी बत्तर जीवन जीने को मजबूर है यहां की लड़कियां।
शेल्टर होम का मामला उछलते ही समाज कल्याण विभाग के हाथ पैर फूल गए। आनन-फानन में विभाग के निदेशक राजकुमार ने मामले की जांच के आदेश दे दिया है। इस पूरे मामले पर बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने मंगलवार को कहा कि पटना के गायघाट स्थित शेल्टर होम प्रकरण की जानकारी मिलने के बाद अधिकारियों की एक टीम को भेजकर पूरे प्रकरण की जांच कराई गई है। गायघाट बालिका गृह में कोई गलत काम हो रहा है, इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई। लड़कियों के शोषण की कोई शिकायत नहीं मिली है। फिर भी सरकार अति गंभीर है। विभाग के प्रधान सचिव से भी बात की गई है। निर्देश दिए गए हैं कि वे एक बार अपने स्तर पर जांच करें और रिपोर्ट सरकार को सौंपे।
पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने भी लगाए सरकार पर आरोप :
पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने भी आरोप लगाया है कि गाय घाट स्थित रिमांड होम की लड़कियां बिहार सरकार के मंत्रियों तक पहुंचाई जाती है। अमिताभ दास के इस बयान को लेकर बिहार सरकार को फिर एक बार कटघरे में खड़ा कर दिया है । अमिताभ दास ने सीबीआई से जांच करवाने की मांग तक कर दी है तथा राज्यपाल को भी इस विषय पर लेटर भेजा है।
इन सभी आरोप से फिर एक बार मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड की याद हुई ताजा :
मई 2018 में मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में लड़कियों से यौन शोषण का खुलासा हुआ था,
शेल्टर होम में कुक से लेकर गेटकीपर तक ने लड़कियों से यौन शोषण किया था, दरिंदगी को छिपाने वाली महिलाएं भी दोषी पाई गई थी इसपर सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें ब्रजेश समेत 19 लोगों को 1045 पन्नों के अपने आदेश में कोर्ट ने दोषी ठहराया था। इसी केस में कोर्ट ने 11 अन्य लोगों को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
फिलहाल यह मामला सामने आने के बाद से बिहार की राजनीति में भी सियासी बवाल मच गया है।