मधुबनी / लदनियां से हरिश्चन्द्र यादव की रिपोर्ट
पढ़ाने लिखाने से बेटी को बेटे की तरह सम्मान मिलता है और बेटी को सम्मानित करने से समाज समृद्ध होता है। नशामुक्ति में पढ़ी लिखी महिलाओं की सोच प्रभावी होती है। उक्त बातें एलएनएमयू के पूर्व सीसीडीसी सह पीजी हेड रहे डॉ. धनेश्वर प्रसाद सिंह ने सिधपा गांव निवासी प्रो. विष्णुदेव सिंह के निवास पर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ विषयक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं। कार्यक्रम प्रो. सिंह की पौत्री की प्रथम जन्मदिन पर आयोजित था।
प्रो. रामप्रसाद सिंह की देखरेख में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दरभंगा से पहुंचे एनजेएम कॉलेज के प्राचार्य डॉ. ऋषि राय ने कहा कि सृष्टि की संरचना को आगे बढ़ाने तथा नशा से परिवार को बचाने में बेटी की महती भूमिका होती है। इसकी सुरक्षा व पढ़ाई मानवजाति का प्रथम कर्तव्य होना चाहिए। कार्यक्रम को इसके अतिरिक्त डॉ. सुजीत कुमार झा, डॉ. विजय कुमार झा, डॉ. जगदीश प्रसाद, प्रो. भागवत ठाकुर, डॉ. महादेव झा व सम्बद्ध महाविद्यालय संघर्ष समिति, एलएन एमयू के अध्यक्ष डॉ. राममोहन झा ने संबोधित किया। मौके पर प्रो. उपेंद्र कुमार सिंह, प्रो. शंभूनाथ झा, प्रो. गौरीशंकर कामत, प्रो. धनीराम सिंह, प्रो. लुचाई सिंह, जयवीर सिंह, बेचन कामत, अशोक कुमार, नवीन ठाकुर समेत सैकड़ों लोग थे।

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