पटना, 14 फ़रवरी 2022। ज्ञान निकेतन विट्ठल विहार प्रांगण में विद्यालय का स्थापना - दिवस कोरोना नियमों का पालन करते हुए धूमधाम के साथ मनाया गया । दो वर्षों बाद विद्यालय परिसर में किसी कार्यक्रम का आयोजन किया गया । छात्रों एवं शिक्षकों का उत्साह चरम पर था । इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे बिहार सरकार के माननीय उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन । मुख्य अतिथि के साथ विद्यालय के संस्थापक एवं संरक्षक आचार्य श्री किशोर कुणाल, मानवीय विभव विकास न्यास के अध्यक्ष एवं पूर्व आई.ए.एस. अधिकारी श्री जियालाल आर्य, मानवीय विभव विकास न्यास के सचिव श्रीमती कविता श्रीवास्तव, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य एवं पूर्व आई-पी.एस. अधिकारी श्री राजबर्धन शर्मा, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य प्रोफेसर शंकर दत्त, श्री हरिद्वार प्रसाद, श्री मृत्युंजय कुमार सिंह, डॉ. एस. एस. झा, विद्यालय प्रशासिका श्रीमती अनीता कुणाल, विद्यालय के निदेशक श्री सायण कुणाल एवं प्राचार्य श्री जे. के. मुखर्जी ने सम्मिलित रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
केतन के गणेश वंदना एवं सत्यम का उस गणेश वंदना पर किये गए नृत्य ने कार्यक्रम की भव्यता का एहसास दिलाया। केतन, सत्यम, प्रियांशु, हर्ष एवं साथियों ने अपने स्वागत गान के द्वारा आगत अतिथियों का स्वागत किया । प्राचार्य श्री जे. के. मुखर्जी ने विद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया । यह अवसर था सी.बी.एस.ई. बारहवीं परीक्षा में विद्यालय के टॉपरों को प्रोत्साहित करने का । विज्ञान संकाय में पीयूष तनय, वाणिज्य संकाय में आदित्य कुमार, कला संकाय में आर्यन दीप को प्रशस्ति पत्र, नकद पुरस्कार एवं ट्राफी देकर सम्मानित किया गया । ऋतिक कुमार को स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ़ द इयर का पुरस्कार दिया गया । सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत सत्यम, आयुष, आर्यन, संस्कार एवं साथियों के फ्यूज़न डांस के साथ हुआ। मयंक, अभिनीत, अभिनव राज, रक्षित, तेजस एवं साथियों द्वारा देश भक्ति गीतों पर किये गए नृत्य ने सबको देश प्रेम से ओत-प्रोत कर दिया । विद्यालय के जूनियर छात्रों द्वारा किया गया भांगड़ा नृत्य ने सबको झूमने पर मजबूर कर दिया ।
इसके पूर्व छात्रों को संबोधित करते हुए श्री जियालाल आर्य ने कहा कि विद्यालय की एक गौरवशाली परंपरा रही है । यहाँ के छात्रों ने शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक क्षेत्र में राज्य एवं देश का नाम रौशन किया है | इस परंपरा को कायम रखने के लिए छात्रों को मन लगा कर पढना होगा एवं शिक्षकों को निष्ठा पूर्वक छात्रों का मार्गदर्शन करना होगा ।
आचार्य किशोर कुणाल ने छात्रों को सलाह दी कि अपने लक्ष्य के प्रति तबतक सतत प्रयासरत रहो जबतक उसे प्राप्त ना कर लो। उन्होंने कहा कि छात्रों को अपने संस्कार के प्रति सजग रहना चाहिए । उन्हें अपने पारिवारिक एवं सामाजिक उत्तरदायित्त्व को नहीं भूलना चाहिए । श्री कुणाल ने कहा कि ज्ञान निकेतन की स्थापना जिस उद्देश के साथ की गई है थी , विद्यात्रय प्रायः उन उद्देश्यों को पूरा करने में सफल रहा है ।
छात्रों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि उन्होंने ज्ञान निकेतन के छात्रों की उपलब्धियों के विषय काफी सुना है । राज्य एवं देश की प्रगति में वे बढ़-चढ़कर अपना योगदान दे रहे हैं । उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे ल्राइफ स्किल को सीखें एवं स्वयं और राज्य की प्रगति में अपना योगदान दें ।
विद्यात्रय प्रशासिका श्रीमती अनीता कुणाल ने स्थापना दिवस के अवसर पर छात्रों एवं शिक्षकों को बधाई दिया ।