न्यूज़ डेस्क। कोरोना के हर रोज रिकॉर्डतोड़ मामले सामने आने से तीसरी लहर के संकेत मिलने लगे हैं. शुक्रवार को एक लाख से ज्यादा मामले सामने आने से टेंशन और बढ़ गई है. देश के कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू और वीकेंड कर्फ्यू लगा चुके हैं. दिल्ली-महाराष्ट्र में लॉकडाउन की आशंका से प्रवासी मजदूर एक बार फिर से गरीबी की गठरी सिर पर लादकर अपने गांव लौटने को मजबूर हो चुके हैं.
वापस लौटने लगे मजदूर
कोरोना की पहली लहर में अचानक लॉकडाउन के बाद बड़े शहरों से घर लौटने वाले प्रवासियों की दिल दहला देने वाली तस्वीरें हम सबने देखी हैं. महामारी की तीसरी लहर में एक बार फिर ऐसा ही नजारा दिख रहा है. दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों से अब यूपी-बिहार जाने वालों की संख्या काफी बढ़ गई है. इनमें उन लोगों की तादात सबसे ज्यादा है जो दिहाड़ी मजदूर हैं.
दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू लगा
दिल्ली में कल से वीकेंड लॉकडाउन की शुरूआत होगी. वीकेंड कर्फ्यू शुक्रवार को रात दस बजे से सोमवार सुबह 5 बजे तक लागू रहेगा. शनिवार और रविवार को पूरे दिन ही कर्फ्यू रहेगा. जरूरी और इमरजेंसी जैसी सुविधाएं जारी रहेंगी. आवश्यक और आपात सेवाओं से जुड़े अधिकारियों को वैध आई कार्ड दिखाने पर नाइट और वीकेंड कर्फ्यू में छूट मिलेगी. केंद्र सरकार और केंद्रीय स्वायत्ता संस्थाओं के अधिकारी भी आईकार्ड दिखाने पर जा सकेंगे. डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ को आईकार्ड दिखाने पर छूट मिलेगी. इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया को वैध आईकार्ड दिखाने पर छूट मिलेगी.
मुंबई में बढ़ता जा रहा है खतरा
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में तमाम पाबंदियों के बाद भी कोरोना और ओमिक्रॉन के तेजी से बढ़ते मामलों ने लोगों में लॉकडाउन को लेकर दहशत भर दी है. मुंबई में अब हर रोज कोरोना के 20 हजार से ज्यादा मामले सामने आने लगे हैं. ऐसे में टोटल लॉकडाउन की चर्चा से प्रवासी और खासतौर पर मजदूर बेहद डरे हुए हैं. मुंबई के लोकमान्य टर्मिनस पर गुरुवार रात 8 बजे से ही भीड़ बढ़ने लगी थी. इसमें ज्यादातर मजदूर वर्ग के लोग थे, जो शुक्रवार सुबह की ट्रेन के लिए लॉकडाउन के डर से देर रात ही स्टेशन पहुंच गए थे. उनका कहना था कि यहां रुके तो भूखों मरने की नौबत आ जाएगी.
सोशल डिस्टेंसिंग नदारद, मास्क भी नहीं
मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस रेलवे स्टेशन पर उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासी मजदूर डेरा जमाए हैं. यहीं से उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाली ज्यादातर ट्रेनें रवाना होती हैं. मुंबई के प्रवासियों में बड़ी संख्या इन्हीं इलाके के लोगों की है. वहीं दिल्ली के रेलवे स्टेशनों और बस स्टेशनों पर भी भीड़ बढ़ चुकी है. यूपी-बिहार के दिहाड़ी मजदूर अपने गांव लौट रहे हैं. इन जगहों पर ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जा रहा है और ना ही लोगों के चेहरे पर मास्क है.
लॉकडाउन लगा तो जीना मुश्किल हो जाएगा
कुछ ने अपना सामान बोरी में भर रखा था. कुछ श्रमिकों ने कहा, 'बड़े अरमान लेकर दिल्ली में आए थे, लेकिन कोरोना के कारण उन्हें पूरा नहीं कर पाए. आर्थिक स्थिति इससे पहली लहर में कमजोर हो गई थी. लॉकडाउन लगा तो जीना मुश्किल हो जाएगा.' हालांकि, कुछ यात्री ऐसे भी थे जो वीकेंड कर्फ्यू के दो दिन के दौरान अपने नजदीकी शहर चले गए, जो सोमवार को लौट आएंगे.