न्यूज़ डेस्क। शिक्षा जगत से जुड़े नामों में डॉक्टर मोहम्मद फारुक मलिक एक ऐसे शख्सियत थे जिन्होंने महाराष्ट्र के कई विद्यार्थियों को जेईई नीट और सीईटी जैसे राष्ट्रीय परीक्षाओं में सफलता की बुलंदियों पर पहुंचाया है।
दरअसल नारायणा इंस्टिट्यूट के संचालक रहे डॉ मलिक मूल रूप से बिहार के जहानाबाद के रहने वाले थे, 2006 के दशक में बिहार छोड़कर इन्होंने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में निजी कोचिंग संस्थान में जेईई,नीट और सीईटी जैसे राष्ट्रीय परीक्षाओं की तैयारी करवाने लगे। कई छात्र इनके कोचिंग से पढ़ कर सफलता हासिल की इसके बाद औरंगाबाद के अलावा पूरे महाराष्ट्र में छात्रों के बीच यह काफ़ी लोकप्रिय हो गए। इनके छात्रों में कई आईआईटीएन के अलावा एएफएमसी जैसी संस्थाओं में इनके छात्र आज भी अपनी सेवा दे रहे हैं। इसके अलावा कई सामाजिक संस्थान और सामाजिक कार्य से यह हमेशा जुड़े रहे।
पिछले माह से निमोनिया से पीड़ित डॉ मलिक को औरंगाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें आईसीयू में रखा, डॉक्टरों के अनुसार उन्हें हल्का हार्टअटैक भी आया अंतः रविवार को डॉक्टर मलिक ने अंतिम सांस ली। इनकी मृत्यु से शिक्षा जगत में काफी बड़ा नुकसान माना जा रहा है ख़ास कर छात्रों में काफी मायूसी और निराशा देखी जा सकती है।
परिवार में उनकी पत्नी भाई और बहन है। इनका नमाज ए जनाजा रात्रि दस बजे सदात नगर के निकट पटेल प्राइड के पास वाली मस्जिद में अदा हुई, और पास ही के कब्रिस्तान में इन्हें सुपुर्दे खाक किया गया।

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