- योजना के तहत हृदय संबंधी रोग से ग्रसित बच्चों का नि:शुल्क जांच व इलाज का है इंतजाम
- हृदय रोगी बच्चों की काउंसिलिंग के लिये 15 से 17 दिसंबर तक पटना में आयोजित होगा शिविर
- सरकारी खर्च पर जिले में चिह्नित लगभग आधा दर्जन बच्चे शिविर में लेंगे भाग
अररिया, 02 दिसंबर |
SON OF SIMANCHAL GYAN MISHRA,
हृदय में जन्मजात छेद वाले बच्चों का इलाज अब बेहद आसान हो चुका है। ऐसे बच्चों के इलाज के लिये बाल हृदय योजना वरदान साबित हो रहा है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित इस योजना में हृदय संबंधी गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चों के नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है। सर्वप्रथम आरबीएसके की टीम ऐसे बच्चों की पहचान करती है। चिह्नित बच्चों की सूची वरीय संस्थान को भेजी जाती है। वहां काउंसिलिंग के बाद बीमार बच्चों को इलाज के लिये बेहतर चिकित्सा संस्थान भेजे जाने का प्रावधान है।
बच्चों की काउंसिलिंग के लिए 15 से 17 दिसंबर तक पटना में विशेष शिविर :
बाल हृदय योजना के तहत 15 से 17 दिसंबर के बीच राजधानी पटना में विशेष शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इसमें 15 व 16 दिसंबर को इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान व 17 दिसंबर को शिविर का आयोजन इंदिरा गांधी इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में प्रस्तावित है। शिविर के पहले दिन मुंगेर , पूर्णिया व कोशी प्रमंडल के बच्चों की काउंसिलिंग निर्धारित है। वहीं 16 दिसंबर को मगध, पटना व भागलपुर प्रमंडल, व 17 दिसंबर को सारण, तिरहुत व दरभंगा प्रमंडल के बच्चे इस शिविर में भाग लेंगे।
शिविर में भेजे जायेंगे लगभग आधा दर्जन बच्चे :
आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ तारिक जमाल ने बताया कि शिविर में जिले के लगभग आधा दर्जन हृदय रोग से ग्रसित बच्चों को काउंसिलिंग के लिये भेजा जा रहा है। आरबीएसके की टीम द्वारा पीड़ित परिवारों से मिल कर ऐसे बच्चों को चिह्नित किया गया। जिन्हें शिविर में भाग लेने के लिये पटना भेजा जाना है। इलाज का सारा खर्च सरकार वहन करती है। पहले इलाज के लिए भेजे जाने वाले बच्चों के साथ एक अभिभावक को भेजे जाने का प्रावधान था। अब पीड़ित बच्चें के माता-पिता दोनों को भेजा जाना है। इलाज के लिये दोबारा बुलाया जाने पर सरकार अपने खर्च पर बच्चे व पीड़ित परिवार को उक्त संस्थान भेजेगी। आने-जाने में होने वाले परिवहन संबंधी सभी खर्च भी सरकार द्वारा वहन किया जायेगा।
आरबीएसके के जरिये 38 रोगों के नि:शुल्क इलाज का है इंतजाम :
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ तारिक जमाल ने बताया कि योजना के तहत 0 से 18 साल के बच्चों में होने वाले कुल 38 रोगों के नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है। इसमें चर्मरोग, दांत व आंख संबंधी रोग, टीबी, एनीमिया, हृदय संबंधी रोग, श्वसन संबंधी रोग, जन्मजात विकलांगता, बच्चे के कटे होंठ व तालू संबंधी रोग शामिल हैं। बीमार बच्चों को चिह्नित करने के लिये आरबीएसके टीम द्वारा जरूरी स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। उन्होंने बताया कि 0 से 6 साल तक के बच्चों में रोग का पता लगाने के लिये आंगनबाड़ी स्तर व 6 से 18 साल तक के बच्चों में रोग का पता लगाने के लिये विद्यालय स्तर पर स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन नियमित अंतराल पर किया जाता है।