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फारबिसगंज नप परिसर में बने 15 बेड वाले अस्थायी आश्रय स्थल में दूसरे दिन भी मात्र एक निराश्रित पहुंचे । मुख्य पार्षद ने पार्षदों के साथ किया निरीक्षण



सन ऑफ सीमांचल ज्ञान मिश्रा 
जब बगैर प्लानिंग व पुख्ता तैयारी के कोई कार्य होता है तो उसका हश्र भी शहरी निराश्रितों के लिये फारबिसगंज नप परिसर में बनाये गए 15 बेड वाले अस्थायी आश्रय स्थल के हीं जैसा होता है ।

           मिली जानकारी के अनुसार प्रचार- प्रसार के अभाव में तीन माह तक चलने वाले सरकार के महत्वपूर्ण योजना वाले इस आश्रय स्थल के विधिवत उदघाटन के बाद पहली रात कोई भी निराश्रित नहीं पहुंचा । दूसरी रात भी मात्र एक निराश्रित पहुंचे । अलबत्ता शनिवार को मुख्य पार्षद व कुछ पार्षदों ने आश्रय स्थल का निरीक्षण कर जायजा जरूर लिया । 

     प्रबुद्धजन बताते हैं की अब तक सरकार के गरीबों के लिये लाये गए महत्वपूर्ण योजना का प्रचार - प्रसार तक हीं नहीं कराया जा सका है । इसी कारण जरूरतमंदों को इस सरकारी योजना के बारे में कुछ भी पता नहीं है । जरूरतमंद आज भी फारबिसगंज रेलवे जंक्शन आदि स्थानों पर जैसे तैसे ठंड में ठिठुरन के साथ रात बिताने की विवश हैं । कुछ बुद्धिजीवी वर्ग नप प्रशासन पर सरकारी योजना के केवल खानापूरी की बात कहते हुए कार्यपालक पदाधिकारी दीपक झा पर सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजना के सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं करने का आरोप लगाया है । 

  कहा गया है की कभी कभी तो आप लगातार देर रात तक कार्यालयों में बैठकर विभिन्न योजनाओं के फाइल निबटाने से लेकर धड़ाधर चेक काटने में व्यस्त रहते हैं यहां तक की बंदी के दिन भी अन्य कर्मचारी छुट्टी पर रहे पर आप कार्यालय में जरूरी फाइल से लेकर आवास योजना का चेक काटने में अतिरिक्त सक्रियता दिखाते रहे । पर सरकार के गरीबों के लिये शुरू किए गए योजना का लाभ दिलाने के लिये आज तीसरे दिन भी शहर में इस बावत कोई प्रचार - प्रसार तक नहीं करवाया जाना कार्य के प्रति उदासीन रवैया नहीं तो और क्या है ?

        विभिन्न दलों के नेताओं ने भी नप प्रशासन पर गरीबों के हितों की रक्षा के लिये चलाये जाने वाली इस महत्वपूर्ण सरकारी योजना के ठीक ढंग से कार्यान्वयन नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार , अररिया डीएम व फारबिसगंज एसडीओ से जनहित से जुड़े इस महत्वपूर्ण मामले में हस्तक्षेप करने व शहरी निराश्रितों को इसका वास्तविक लाभ दिलाने की दिशा में समुचित कारवाई करने की मांग की है ।