मधुबनी से आशिष झा / लदनियां से हरिश्चन्द्र यादव की रिपोर्ट
लदनियां प्रखंड के एकहरी गांव में रविवार को जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे पूर्व प्राध्यापक एकहरी गांव निवासी स्व. डॉ. महेन्द्र प्रसाद सिंह द्वारा विरचित हिन्दी उपन्यास ' फूलो रानी ' का लोकार्पण उनके तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए पूर्व मंत्री रामलषण राम रमण, एल एनएमयू संचालित दूरस्थ शिक्षा के निदेशक डॉ. अशोक कुमार मेहता व पूर्व रजिष्ट्रार डॉ. अजित कुमार सिंह आदि ने संयुक्तरूप से किया।
कार्यक्रम डॉ. महेन्द्र सिंह की प्रथम पुण्यतिथि पर आयोजित था। कोविड -19 से संक्रमित होने के कारण विगत वर्ष 21 नवम्बर को उनका निधन हो गया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व मंत्री श्री रमण ने की। संचालन डॉ. मेहता ने किया।
अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में श्री रमण ने कहा कि उपन्यास आत्मकथात्मक है, इसमें गांव- समाज में फैली जड़ता पर प्रहार किया गया है। पूर्व रजिष्ट्रार डॉ. अजित कुमार सिंह ने कहा कि इसमें अंधविश्वास के कारण बिगड़ती ग्रामीण जिन्दगी का उल्लेख सफलता के साथ किया गया है। संचालक निदेशक श्री मेहता ने कहा कि महेन्द्र बाबू आस्तिकता व सदाचार के समन्वित स्वरूप थे।
कार्यक्रम में मधुबनी जिला कुशवाहा महासंघ के अध्यक्ष कृष्णदेव सिंह, ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह, डॉ. अजय कुमार सिंह उर्फ लालबाबू सिंह, रामखेलावन सिंह, डॉ. रामेश्वर सिंह, डॉ. बुद्धदेव प्रसाद सिंह, अवकाश प्राप्त शिक्षक विश्वनाथ सिंह, डॉ. कीर्तन सिंह, तुलसी गुप्ता, रामचन्द्र यादव, अभियंता राजकुमार सिंह, अभियंता बालेश्वर प्रसाद सिंह, अवकाश प्राप्त शिक्षक अयोधी सिंह, रीता सिंह, शिक्षक धनिकलाल सिंह, प्रकाशक दीपनारायण समेत सैकड़ों लोग शामिल थे। लोगों ने कहा कि महेन्द्र बाबू शांतप्रिय व मृदुभाषी व्यक्तित्व के थे।
मैथिली साहित्य अकादमी के कार्यकारिणी सदस्य रहे थे। इस हिन्दी उपन्यास से पूर्व उन्होंने मैथिली में दो रचनाएं ' पंचयती ' व ' त्रिधारा ' की रचना की थी।
पढ़ाई -लिखाई समाप्ति के बाद उन्होंने पद्मा हाई स्कूल में विज्ञान शिक्षक के रूप में योगदान किया। 1980 में त्यागपत्र देकर सीएमजे कालेज दोनवारी, खुटौना में मैथिली विभाग के प्राध्यापक बने।
प्रखंड कांग्रेस में महासचिव के रूप में राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में समता पार्टी से लेकर जदयू में सक्रिय भूमिका निभाई। नि:स्वार्थ सेवा के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बहुत ही करीबी रहे।
वे तीन वर्षों तक अपने गांव एकहरी में साहित्यक सर्जना समिति के अध्यक्ष रहे। 2007 में मधुबनी के जटाशंकर दास आर्थिक सामाजिक संस्थान के सदस्य व गोविंद कल्याण समिति के अध्यक्ष थे। वे ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा में सीनेट व सिंडिकेट के सदस्य थे। जेएमडीपीएल महिला कॉलेज में विकास समिति के सदस्य रहे। मधुबनी में वुद्धिजीवी विचार मंच के संयोजक रहे।
वे जेसीकेएल खाजेडीह हाई स्कूल में वर्षों तक प्रबंध समिति के सदस्य रहे। कई कालेज और स्कूल में सस्थापक सचिव रह रहे। वे रेल सहित कई विभाग के परामर्श दात्री समिति के सदस्य रहे। इनके सद्प्रयास से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग को आदेशित कर सीएमजे कॉलेज दोनवारी, खुटौना में विज्ञान व वाणिज्य संकाय को मान्यता दिलाई थी।