न्यूज़ डेस्क। पटना के बोरिंग रोड़ स्थित एक निजी अस्पताल का मामला सामने आया है जहां छपरा के बीडीओ (प्रखंड विकास पदाधिकारी) अजीत कुमार अपना इलाज़ करवाने पहुंचे थे। उनके पेट में काफ़ी दर्द हो रहा था। डाक्टर ने उन्हें कुछ दवाईयां और इंजेक्शन लाने को कहा। अजीत कुमार ने क्लिनिक के ही दवा की दुकान अनुपम मेडिकल हॉल से दवाईयां खरीदी। इंजेक्शन लेने के बाद बीडीओ साहेब की तबियत बिगड़ने लगी, परिवार वालों ने जब दवाईयां और इंजेक्शन को चेक किया तो मरीज़ को दिया गया इंजेक्शन एक्सपायर्ड निकला।
बीडीओ साहेब ने पटना डीएम और एसएसपी से शिकायत की, पुरे मामले को देखते हुए पुलिस ने तत्काल क्लीनिक में छापेमारी की। जब ड्रग्स डिपार्टमेंट की टीम वहां पहुंची तो मौके से और भी दूसरी दवाइयां और इंजेक्शन एक्सपायरी डेट की निकली। सभी दवाइयों को जब्त किया गया है। इस पूरे खुलासे से पटना जिला प्रशासन और ड्रग्स डिपार्टमेंट में खलबली मच गई है।
परिजनों के मुताबिक बीडीओ अजीत कुमार राजाबाजार में परिवार के साथ रहते हैं। 15 दिन पहले उनके पेट में दर्द हुआ। इसके बाद परिजन डॉ एसके बनर्जी के क्लिनिक में लेकर पहुंचे थे। यहां अल्ट्रासाउंड, सिटी स्कैन आदि जांच में गॉल ब्लॉडर में पथरी बताया गया, जिसका इलाज चल रहा था।
ड्रग डिपार्टमेंट के एक अधिकारी के अनुसार इस पूरे मामले में डॉक्टर भी बराबर से जिम्मेवार हैं। फिलहाल पटना डीएम ने ड्रग डिपार्टमेंट की टीम को राजधानी में बड़े पैमाने पर चल रहे निजी अस्पतालों के दवा दुकान में जांच करने का निर्देश दिया है।