अररिया ज्ञान मिश्रा
टीचर्स ऑफ बिहार के फाउंडर शिव कुमार एवं टेक्निकल टीम लीडर शिवेंद्र सुमन के सहयोग से टीम की मॉडरेटर नम्रता मिश्रा एवं खुशबू कुमारी सहित पूरी टीम के सराहनीय प्रयास से शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पेज पर संयुक्त राष्ट्र की पहल "वेरीफाइड" के समर्थन में जन जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक्सक्लूसिव कार्यक्रम "लेट्स टॉक" का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में बिहार के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान आईजीआईएमएस पटना के सहायक प्रोफेसर डॉo सेतु सिन्हा, सहायक प्रोफेसर डॉo अर्चना सिन्हा, ऐम्स पटना के एडिशनल प्रोफेसर डॉo संजीव कुमार स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान चंडीगढ़ के प्रोफेसर डॉo मधु गुप्ता एवं प्रतिष्ठित प्रिंट मीडिया "टाइम्स ऑफ इंडिया" के संपादक पीयूष त्रिपाठी शामिल हुए।
लेट्स टॉक कार्यक्रम में शामिल अतिथि डॉo मधु गुप्ता स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान चंडीगढ़ ने कहा कि कोविड टीकाकरण के संबंध में बहुत सी भ्रांतियां समाज में फैली हुई है जिसमें मुख्य रुप से लोगों का यह मानना है कि यदि हमें किसी प्रकार की एलर्जी है तो हमें टीकाकरण नहीं लेना चाहिए। जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। ये केवल मिथक मात्र है। लोगों को केवल इतना ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी परिस्थिति में यदि प्रथम डोज के रूप में यदि कोविशील्ड का टीका लिया गया है तो दूसरे डोज में भी कोविशील्ड का ही टिका लिया जाना चाहिए है।
डॉo अर्चना सिन्हा सहायक प्रोफेसर आईजीआईएमएस पटना ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा केवल गर्भवती महिलाओं के लिए कोविड का टीकाकरण वर्जित किया गया है परन्तु स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए अब टीकाकरण की अनिवार्यता शुरू कर दी गई है।
डॉo सेतु सिंहा सहायक प्रोफेसर आईजीआईएमएस पटना ने कहा कि कोविड का टीकाकरण लेने के उपरांत भी कोरोना संक्रमण होने का खतरा बना रहता है। इसीलिए टीकाकरण लेने के बावजूद भी सुरक्षा जरूरी है। वर्तमान में अभी बच्चों के लिए टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध नहीं है आने वाले समय में बच्चों के लिए भी टीकाकरण की सुविधा जल्द ही उपलब्ध होगी। इसके लिए ट्रायल चल रहा है। पीयूष त्रिपाठी संपादक टाइम्स ऑफ इण्डिया ने कहा कि कोरोना वैक्सीन आने से पूर्व लोगों के द्वारा तरह-तरह की अफवाहें समाज में फैलाई जा रही थी। उन अफवाहों में खास करके आज के युवा वर्ग विशेष रूप से शामिल है जो स्मार्टफोन का धड़ल्ले से उपयोग करते हैं और बिना सोचे समझे गलत जानकारियों से संबंधित पोस्ट को सोशल मीडिया के माध्यम से साझा करते रहते हैं। जिसके कारण लोगों में भिन्न -भिन्न प्रकार की भ्रांतियां उत्पन्न होती रहती है। इतना ही नहीं कोरोना काल में मीडिया को बहुत से चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। मीडिया ने हर संभव प्रयास किया है कि सरकार के गाइडलाइन के अनुसार ही जो अधिकृत सूचना है उसे लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाए।
लेट्स टॉक में शामिल अतिथियों से बिहार के हजारों शिक्षकों ने महत्वपूर्ण सवाल पूछे जिसका अतिथियों के द्वारा कुछ महत्वपूर्ण सवालों का सटीक जवाब दिया गया। इतना ही नहीं अतिथियों से देश ही नहीं विदेशों में बैठे लोगों ने भी ऑनलाइन लाइव कार्यक्रम में जुड़कर विशेषज्ञों से सवाल किए और उनका जवाब अतिथियों के द्वारा दिया गया जिसमें यूएसए कैलिफोर्निया के दर्शक शामिल हैं। उक्त जानकारी टीचर्स ऑफ बिहार के प्रदेश प्रवक्ता रंजेश सिंह ने दी।